केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल(Arjun Ram Meghwal) ने बीजेपी(BJP) पार्टी नेताओं से कहा है कि सतीश पूनियां (Satish Poonia)के नेतृत्व में देखना शुरु करो. केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathod) ने भी सतीश पूनियां को पूर्ण सूरज बताया. कुल मिलाकर उगता और पूर्ण सूरज (sun) वाले बयानों से पार्टी ये संदेश देना चाहती है कि पार्टी एकजुट रहे और किसी भी तरह की गुटबाजी पर लगाम लगे.
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Jaipur News : पिछले दिनों बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति में पार्टी ने जनाक्रोश यात्रा को लेकर मंथन किया और संगठन ने पार्टी नेताओं के सामने इस यात्रा की रूपरेखा भी रखी. लेकिन कार्यसमिति के बाद यात्रा से ज्यादा उगते सूरज की चर्चा होने लगी. दरअसल एक सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल मेघवाल ने यहां कहा कि लोग सूर्यास्त देखने सनसेट पॉइंट पर जाते हैं, उन्होंने पार्टी नेताओं से आह्वान करते हुए कहा कि सन सेट देखना बंद करो और सतीश पूनिया के नेतृत्व में उगते हुए सूरज को देखना चाहिए.
इस बयान के बाद चर्चा इस बात की है कि केंद्रीय मंत्री ने सतीश पूनिया को उगता हुआ सूरज क्यों बताया ? कार्यकर्ताओं के बीच सवाल ये है कि, क्या मेघवाल सतीश पूनिया में उन संभावनाओं को देख रहे हैं, जो पार्टी को प्रदेश में और नई ऊंचाइयों पर ले जा सकती है ? केंद्रीय मंत्री के बयान पर खुद सतीश पूनिया से पूछा तो उन्होंने कहा कि मेघवाल ने भारतीय जनता पार्टी को ''उगता सूरज'' बताया था और उनके बयान का विशेष अर्थ में ना निकालकर सामान्य रूप में देखना चाहिए.
पूनिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के बयान को किसी व्यक्ति से नहीं जोड़ना चाहिए. यह बयान नकारात्मक नहीं, बल्कि सकारात्मक है और पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए था. उधर प्रतिपक्ष के उपनेता से जब ''उगते सूरज'' वाले बयान पर प्रतिक्रिया चाही गई, तो राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पूनिया उगते सूरज नहीं, बल्कि ''पूर्ण सूरज'' हैं.
राठौड़ ने कहा कि सतीश पूनिया उनकी पार्टी के नेता हैं और प्रदेश अध्यक्ष भी है. एक अन्य सवाल के जवाब में राठौड़ ने कहा कि दुनिया उगते सूरज को सलाम करती है. उन्होंने कहा कि, '' आते का बोलबाला, जाते का मुंह काला. राठौड़ ने कहा कि दीवार पर साफ लिखा है की कांग्रेस जा रही है और बीजेपी आ रही है.
उधर राजेंद्र राठौड़ की तरफ से ''पूर्ण सूरज'' बताए जाने पर पूनिया का कहना है कि अब उगते सूरज हैं या पूर्ण सूरज, इसकी व्याख्या तो मीडिया ही करें. उन्होंने कहा कि इस बयान का मतलब इतना था कि पार्टी के कार्यकर्ताओं से लेकर नेता उत्साह से लबरेज हैं और इस उत्साह के दम पर पार्टी 2023 के चुनाव में कांग्रेस का सूर्य अस्त कर सकती है और बीजेपी का सूरज उदय.
कुल मिलाकर पार्टी के बड़े नेता कार्यकर्ताओं को ये संदेश देना चाहते हैं कि अगला विधानसभा चुनाव आसान नहीं होने वाला है . इसलिए पार्टी के कार्यकर्ता एक जुट रहे. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) का असर विधानसभा चुनावों पर देखने को मिल सकता है.
रिपोर्टर- महेश पारीक