डीओआईटी ने अब इन डिजिटल साइन सर्टिफिकेट या दस्तावेजों को आवेदक के व्हाट्सएप पर उपलब्ध करवाने की सुविधा शुरू की है. अब आवेदनकर्ता को आवश्यकता होने पर ही प्रिंट आउट निकलवाना होगा.
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Jaipur: राजस्थान में हर साल करीब 60 लाख से ज्यादा मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र और EWS सर्टिफिकेट बनवाने वालों के साथ कॉम्पिटिशन एग्जाम देने वालों स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है. अब आपको किसी भी तरह का सर्टिफिकेट का प्रिंटआउट निकलवाने के लिए ई-मित्र कियोस्क के चक्कर नहीं लगाने होंगे.
डीओआईटी ने अब इन डिजिटल साइन सर्टिफिकेट या दस्तावेजों को आवेदक के व्हाट्सएप पर उपलब्ध करवाने की सुविधा शुरू की है. अब आवेदनकर्ता को आवश्यकता होने पर ही प्रिंट आउट निकलवाना होगा.
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अगर आप राजस्थान के निवासी हैं और अपना मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र या फिर ईडब्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आवेदन किया हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. डिपार्टमेंट ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एण्ड कम्युनिकेशन (डीओआईटी) की पहल से लाखों लोगों को राहत मिली है. ई-मित्र केंद्रों पर ईडब्ल्यूएस, जाति, मूल निवास या अन्य किसी प्रमाण पत्र और प्रतियोगी परीक्षा (कॉम्पिटिशन एग्जाम) के लिए आवेदन करने वालों लोगों को सर्टिफिकेट या ई-एडमिट कार्ड लेने के लिए ई-मित्र केन्द्र के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. डीओआईटी (DOIT) ने अब इन सर्टिफिकेट या दस्तावेजों को आवेदक के व्हाट्सएप पर उपलब्ध करवाने की सुविधा शुरू की है.
डीओआईटी कमीश्नर संदेश नायक ने बताया कि कॉम्पिटिशन एग्जाम के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स के लिए इस सर्विस को कुछ दिनों बाद शुरू किया जाएगा. इसके लिए अभी वाट्सएप से सर्विस शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है हालांकि ईडब्ल्यूएस, जाति, मूल निवास या अन्य किसी प्रमाण पत्र समेत अन्य प्रमाण पत्र व्हाट्सएप पर उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया को शुरू करवा दिया है. अभी किसी भी सर्टिफिकेट के बनने के बाद उसकी जानकारी टेक्स्ट मैसेज के जरिए लोगों को मिलती है. तकनीकी खराबी के कारण कई बार मैसेज नहीं आते हैं. इस कारण लोगों को सर्टिफिकेट बना या नहीं इसकी जानकारी लेने के लिए बार-बार ई-मित्र केन्द्र पर जाना पड़ता था. अब जैसे ही संबंधित अधिकारी सर्टिफिकेट की फाइल को ऑनलाइन मंजूरी देकर ई-साइन जारी करेगा वैसे ही सर्टिफिकेट बनकर उसकी पीडीएफ फाइल आवेदक के वाट्सएप पर पहुंच जाएगी.
क्या बोले डीओआईटी के आयुक्त संदेश नायक
डीओआईटी के आयुक्त संदेश नायक ने बताया कि हर साल करीब 58 लाख लोग जाति,मूल और ईडब्यूएस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आवेदन करते हैं. एक बार व्यक्ति को आवेदन करने और दूसरी बार उसे लेने आना पड़ता है लेकिन अब जैसे ही दो स्टेप के बाद आवेदन स्वीकृत हुआ तुरंत डिजिटल साइन सर्टिफिकेट संबंधित के व्हाट्सएप पर आ जाएगा. नायक ने बताया कि राजस्थान में हर साल कॉम्पिटिशन एग्जाम के लिए लाखों स्टूडेंट्स आवेदन करते हैं. एग्जाम के लिए आवेदन ई-मित्र पर करने के बाद एडमिशन कार्ड निकलवाने के लिए ई-मित्र केंद्रों पर जाना पड़ता है. सबसे ज्यादा समस्या ग्रामीण इलाकों में आती है. जहां लोगों को ये सूचना तक नहीं? मिलती की एग्जाम के लिए एडमिशन कार्ड जारी हो गए है या नहीं? ऐसे में इस परेशानी को दूर करने के लिए अब ई-एडमिट कार्ड भी आवेदक या अभ्यर्थी के वाट्सएप नंबर पर पहुंच जाएगा. इसकी शुरूआत भी जल्द की जाएगी.
बहरहाल, सुशासन का मतलब है, बिना लिए दिए, निश्चित समय सीमा में सरकार द्वारा दी गई सेवाओं का लाभ जनता को मिल जाए. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की ये पहल लाखों छात्र-छात्राओं और युवाओं के लिए वरदान साबित होगी, जो प्रतिदिन इन सेवाओं के लिए हजारों की संख्या में आवेदन देते हैं और सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को होगा. जिन्हें पहले आवेदन करने, उसके बाद बना या नहीं बना उसकी पूछताछ करने और फिर उसके बाद सर्टिफिेकट का प्रिंट लेने के लिए ई-मित्र कियोस्क पर चक्कर लगाने पड़ते थे.
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