Rajasthan Election 2023: राजस्थान में दो सितम्बर से शुरू हुई भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सहित कई केंद्रीय मंत्री, पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर, असम के राज्यपाल हेमंत बिस्वा, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस सहित अन्य राज्यों के आक्रामक नेताओं के भाषण जनता को सुनने को मिलेंगे.
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Rajasthan Election 2023: राजस्थान में दो सितम्बर से शुरू हुई भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्राएं गति पकड़ने लगी है. इन परिवर्तन संकल्प यात्राओं के दौरान सभा को सम्बोधित करने के लिए अगले एक दो दिन में बीजेपी के फायर ब्रांड नेता पहुंचना शुरू हो जाएंगे. दूसरे राज्यों से आए ये नेता न केवल सभा का सम्बोधित करेंगे, बल्कि दिनभर परिवर्तन संकल्प रथ पर सवार होकर जनता से संवाद भी करेंगे. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सहित कई केंद्रीय मंत्री, पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर, असम के राज्यपाल हेमंत बिस्वा, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस सहित अन्य राज्यों के आक्रामक नेताओं के भाषण जनता को सुनने को मिलेंगे.
भारतीय जनपा पार्टी ने राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के परिवर्तन संकल्प यात्राएं शुरू की है. प्रदेश की चारों दिशाओं से रवाना हुई इन परिवर्तन यात्राओं के जरिए बीजेपी नेता सभी 200 विधानसभा सीटों पर जाएंगे. बीजेपी के चारों प्रमुख नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी क्रमश: त्रिनेत्र गणेशजी सवाई माधोपुर, बेणेश्वर डूंगरपुर, रामदेवरा तथा गोगामेडी से यात्राएं रवाना कर चुके हैं. बीजेपी नेताओं का दावा है कि इन यात्राओं को अपार जनसमर्थन मिल रहा है.
जहां जहां परिवर्तन यात्राएं पहुंच रही है वहां स्थानीय लोगों में इनको लेकर भारी उत्साह है. बीजेपी नेता कह रहे हैं कि पारम्परिक वेशभूषा में महिलाएं कलश यात्रा लेकर स्वागत कर रही है ऐसे में समझो कि कांग्रेस का शासन जाने वाला है बीजेपी का सुशासन आने वाला है.
पार्टी की ओर से निकाली जा रही परिवर्तन संकल्प यात्रा को शुरू हुए तीन से छह दिन हो चुके हैं. अभी इनमें सभाओं को बीजेपी के प्रदेश स्तरीय नेता सम्बोधित कर रहे हैं. स्थानीय नेताओं के कारण सभाएं ज्यादा रोचक और चर्चा का विषय नहीं बन पा रही है. ऐसे में पार्टी नेतृत्व ने दूसरे प्रदेशों के फायर ब्रांड नेताओं की परिवर्तन यात्रा में एंट्री कराने का प्लान बनाया है. इसके लिए दो दर्जन से ज्यादा नेताओं की सूची सौंपी गई है. इनमें कमोबेश सभी नेताओं ने अपनी सहमति दे दी है. दूसरे राज्यों के नेताओं का आने का सिलसिला आज पूर्व क्रिकेटर और सांसद गौतम गंभीर के साथ शुरू होने वाला था, लेकिन किसी कारण के चलते गंभीर नहीं आए. ऐसे में राज्य की चुनाव प्रबंध समिति इन नेताओं से उनके दौरों को लेकर कन्फर्मेशन ले रही है.
चुनाव प्रबंधन समिति के संयाेजक नारायणलाल पंचारिया का कहना है कि बड़ी संख्या में नेता परिवर्तन यात्रा में आने के लिए तैयार हैं. असम के सीएम हिमंता बिस्वा, महाराष्ट्र से उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य प्रदेशों के कई नेता भी आएंगे. इनमें कोई एक दिन तो कोई दो दिन परिवर्तन यात्रा में रहेगा. इन नेताओं में कौन कहां किस क्षेत्र में, किस यात्रा में भेजा जाएगा इसको लेकर खाका तैयार कर लिया गया है.
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि परिवर्तन यात्रा के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा, महाराष्ट्र उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उत्तर प्रदेश उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, पूर्व सीएम पंजाब कैप्टन अमरिंदर सिंह, केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी, सांसद सनी देओल , सांसद हेमा मालिनी , बीजेपी नेता सुनील जाखड़, बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी , बीजेपी नेता संजीव बालियान , केंद्रीय राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला , बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा , सांसद मनोज तिवारी, बीजेपी नेता ओपी धनखड़ जैसे नेताओं को चारों यात्राओं में बुलाया गया है.
राज्य बीजेपी में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भीड़ जुटाऊ नेता है. यात्राओं की शुरुआत के बाद अभी तक इनके दौरे नहीं हुए हैं. ऐसे में जल्द ही वसुंधरा राजे के भी जल्द ही परिवर्तन यात्राओं में सभाओं को सम्बोधित किया जाएगा. इसके लिए भी चुनाव प्रबंधन समिति योजना बना रही है कि राजे को कहां कब कौनसी सभा को सम्बोधित करना है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत ने कहा किसाढे चार साल में कांग्रेस सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. राजस्थान की जनता अपने आपको ठगा हुआ सा महसूस कर रही है. राजस्थान सरकार ने युवा को नौकरियां देने की बात कही थी. आरपीएससी का मेम्बर रिश्वत लेते पकड़ा गया. क्या कल्पना की जिन अधिकारियों का चयन ऐसी संस्था के हाथ में होगा कुल मिलकार भाई भतीजावाद और पैसे के लेनदेन के आधार पर लूटने का काम हुआ है.
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यह अकेला ग्राउंड है जो सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए काफी है. सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है. इसके अलावा भी सरकार सुरक्षा देने के लिए है कमजोर आर्थिक सामाजिक दृष्टि से कमजोर एससीएसटी पर अत्याचार हुआ जितना आजादी के बाद किसी सरकार में नहीं हुआ. सरकार कुछ भी कहे चार छह महीने विज्ञापनों का ढिंढोरा पीटते हुए अपने मुंह मियां मिट्ठू बनती रहे, लेकिन जनता से तय कर लिया कि कांग्रेस को सत्ता से जाना होगा.