Rajasthan Budget 2024: निजी ट्यूबवेल की खुदाई पर लगेगी लगाम, ग्राउंड वाटर रेगुलेशन एक्ट लाने की तैयारी में राजस्थान सरकार
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Rajasthan Budget 2024: निजी ट्यूबवेल की खुदाई पर लगेगी लगाम, ग्राउंड वाटर रेगुलेशन एक्ट लाने की तैयारी में राजस्थान सरकार

Jaipur News: राजस्थान में भजनलाल सरकार इसी विधानसभा सत्र में ग्राउंड वाटर रेगुलेशन एक्ट लाएगी, ताकि राज्य में ग्राउंड वाटर की स्थिति को सुधारा जा सके. क्योंकि प्रदेश में भूजल स्तर लगातार नीचे गिरता जा रहा है. 

 

Kanhaiyalal Choudhary

Rajasthan News: राजस्थान में ग्राउंड वाटर की स्थिति दिनों दिन भयावह होती जा रही है. यदि आज इसे नहीं रोका, तो आने वाला भविष्य और ज्यादा खतरनाक हो सकता है. राजस्थान सरकार भूजल संकट को रोकने के लिए इसी बजट सत्र में ग्राउंड वाटर रेगुलेशन एक्ट लाएगी. इस बिल पर खुद भूजल मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने मुहर लगाई है. इस एक्ट में कठोर निर्णय लिए जाएंगे. एक्ट के तहत राजस्थान में निजी इंडस्ट्रीज और घरेलू ट्यूबवेल्स खुदाई पर बैन लगेगा. राज्य में जो इंडस्ट्रीज चल रही है, उनमें टेलीमीट्रिक डिजिटल वाटर मीटर लगाए जाएंगे, यानी इंडस्ट्री को उनकी क्षमता के मुताबिक ही पानी मिल पाएगा. वहीं, नई इंडस्ट्रीज को पानी के लिए वाटर रिचार्ज की शर्त पर एनओसी देनी होगी. इसके अलावा पानी की बचत के लिए भी राज्य सरकार दूसरा बिल सदन में पारित करेगी.

देश में 35 प्रतिशत बचत, लेकिन राज्य में खराब
केंद्र सरकार के भूजल रेगुलेशन एक्ट के तहत केंद्रीय भूजल बोर्ड की गाइडलाइन भी राजस्थान में लागू है, जिसके तहत निजी और इंडस्ट्रीज के ट्यूबवेल की खुदाई पर रोक नहीं है. पूरे भारत में 100 में 65 प्रतिशत पानी का उपयोग किया जा रहा है, जबकि 35 प्रतिशत पानी की बचत होती है. लेकिन राजस्थान में इससे उलट 150 प्रतिशत पानी जमीन से खींचा जा रहा है. इसलिए राज्य में ट्यूबवेल की लगाम लगाना बेहद जरूरी है. 

भूजल रिचार्ज के लिए अलग से बजट की आवश्यकता नहीं
राज्य में करीब 4 लाख इंडस्ट्रीज है, जिसमें से महज 20 से 25 हजार इंडस्ट्रीज ही ऐसी है जो रजिस्टर्ड है, बाकियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो रखा. रजिस्टर्ड इंडस्ट्रीज से सिर्फ 40 से 45 करोड़ सालाना सेस मिल पा रहा है, वो भी केंद्रीय भूजल बोर्ड की गाइडलाइन के मुताबिक केंद्र को ही जा रहा. लेकिन राज्य में भूजल एक्ट बनने के बाद सभी इंडस्ट्रीज रजिस्टर्ड होती है, तो करीब राज्य को 400 से 500 करोड़ सेस मिल पाएगा. जिसका उपयोग राजस्थान सरकार भूजल रिचार्ज में लगाने के लिए करेगी. भूजल रिचार्ज के लिए अलग से बजट की आवश्यकता भी नहीं होगी.

कई विभागों होंगे भूजल बोर्ड में शामिल
भूजल एक्ट को लागू करने के बाद भूजल बोर्ड बनाया जाएगा, जिसमें भूजल विभाग के साथ जलदाय विभाग, पंचायती राज, यूडीएच को शामिल किया जाएगा. राजस्थान के हर जिले की भौगोलिक परिस्थिति अलग-अलग है. इसलिए जिला स्तर पर भी कमेटियां बनाई जाएगी, वो कमेटियां जिलों के मुताबिक ही नियम बनाएगी.

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