Rajasthan: जेलों की सशस्त्र सुरक्षा में 'सुराख', RAC बटालियन में 150 से ज्यादा पद खाली
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Rajasthan: जेलों की सशस्त्र सुरक्षा में 'सुराख', RAC बटालियन में 150 से ज्यादा पद खाली

Jaipur News: हाल ही में रिटायर्ड हुए डीजी जेल राजीव दासोत ने भी जेल सुरक्षा आरएसी बटालियन के खाली पदों को भरने के लिए सरकार को पत्र लिखा था.  

राजस्थान की जेलों की सशस्त्र सुरक्षा में 'सुराख'. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Jaipur: प्रदेश की जेलों की सशस्त्र सुरक्षा में सुराख हो रहे हैं, इसका कारण जेल सुरक्षा के लिए लगाई गई आरएसी बटालियन में पर्याप्त जवान नहीं होना है. जेल सुरक्षा में लगी आरएसी बटालियन में डेढ़ सौ से ज्यादा पद खाली हैं, जिससे संवेदनशील जेलों की सुरक्षा में भी कटौती करनी पड़ रही है.

इधर, जेल महानिदेशालय ने राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र लिखा है. फिलहाल मामला गृह विभाग में विचाराधीन है. दरअसल, राज्य में जेलों की सुरक्षा दीवारें दरकने लगी तो सरकार द्वारा जेल सुरक्षा के लिए ही सशस्त्र बटालियन का गठन किया गया. आरएसी (RAC) की 13वीं बटालियन का गठन कर संवेदनशील जेलों की बाहरी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया. लेकिन जवानों की कमी के कारण आरएसी का सुरक्षा घेरा कमजोर पड़ने लगा है.

हाल ही में रिटायर्ड हुए डीजी जेल राजीव दासोत ने भी जेल सुरक्षा आरएसी बटालियन के खाली पदों को भरने के लिए सरकार को पत्र लिखा था. प्रारंभ में पीएचक्यू एवं जेल विभाग के बीच वार्ता के बाद राज्य की सर्वाधिक 50 अति संवेदनशील जेलों पर जेल सुरक्षा बटालियन फोर्स तैनात किया गया. आरएसी के ये हथियारबंद जवान राउंड द क्लॉक सुरक्षा कर रहे हैं. इधर, धीरे-धीरे बटालियन में रिक्तियों की संख्या बढ़ने लगी तो 5 जेलों से सशस्त्र सुरक्षाबल जाब्ता ही हटा लिया गया.

ऐसे में अभी 45 संवेदनशील जेलों की सशस्त्र बल सुरक्षा ड्यूटी कर रहे हैं. इनमें भी 11 जेलों तो मात्र आधा सेक्शन ही नियोजन किया जा रहा है जो सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है. इन जेलों में कम से कम एक सेक्शन जाब्ता लगाए जाने की जरूरत है.

इधर, स्पेशल सेंट्रल जेल श्यालावास की सुरक्षा कोढ़ में खाज का काम लेकर आई है. यह जेल दौसा से 20 किलोमीटर दूर है, ऐसे में वहां जेल सुरक्षा बटालियन की तैनाती अति आवश्यक है. वहीं, नए जेल डीजी भूपेंद्र दक ने भी जेल सुरक्षा को महत्वपूर्ण मानते हुए इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की बात कही है.
 
दरअसल, जेल सुरक्षा में लगी आरएसी बटालियन के गठन के समय 7 कंपनी कमांडर, 24 प्लाटून कमांडर, 157 हेड कांस्टेबल और 750 कांस्टेबल के पद सृजित किए थे. इनमें वर्तमान में प्लाटून कमांडर के 19, हेड कांस्टेबल के 36, कांस्टेबल के 109 सहित कुल 164 पद रिक्त चल रहे हैं.

हालात यह है कि जेलों की सुरक्षा के लिए साथ ही जवानों की कार्यक्षमता पर भी प्रभाव पड़ रहा है. इन पदों के खाली रहने से जेल सुरक्षा की बेहतर निगरानी, कंट्रोल, जवानों की रोटेशनल जॉब ट्रेनिंग करवाने तथा कर्मचारियों के अवकाश लेने में परेशानी हो रही है.

जेल महानिदेशालय ने स्पेशल सेंट्रल जेल श्यालावास में तीन सेक्शन और सब जेल बालोतरा में एक सेक्शन बल तुरंत नियोजित करने की जरूरत बताई है. प्रदेश में सब जेल नीम का थाना, बाली, रामगंज मंडी, भवानी मंडी, बहरोड, गंगापुर सिटी, हिंडौन सिटी में एक एक सेक्शन की तैनाती जरूरी है. ऐसा नहीं है कि इन रिक्त पदों को भरने के लिए प्रयास नहीं किए गए. 

जेल महानिदेशालय की ओर से कई बार विभिन्न स्तरों पर पत्र लिखे गए हैं. 6 अक्टूबर 2020 को एडीजी आरएसी को पत्र लिखा गया, इसके बाद 2 मार्च  2021 को डीजीपी राजस्थान को जानकारी दी गई. इस साल 25 जनवरी और 19 जनवरी को मुख्य सचिव की ओर से लंबित प्रकरणों की जानकारी मांगी गई तो 2 मार्च को जवाब पत्र लिखा गया.

 

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