Health News: जयपुर चिकित्सा विभाग ने 73 चिकित्सा संस्थानों के प्रभारियों को नोटिस थमाया है. इन्हेंस्वास्थ्य सेवाओं में अपेक्षा अनुरूप सुधार नहीं होने असंतोषजनक पाई स्थिति पाई गई है.
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Health News: प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में आमजन को स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में लापरवाही बतरने वाले अधिकारियों पर चिकित्सा विभाग ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. प्रदेशभर के चिकित्सा संस्थानों में स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दृष्टि से चलाए जा रहे औचक निरीक्षण अभियान के तहत अपेक्षा अनुरूप सुधार नहीं लाने पर चिकित्सा विभाग ने 73 चिकित्सा संस्थानों के प्रभारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह का कहना
चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि राज्य में आमजन को आवश्यक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं सुलभता से प्रदान करने के लिए संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार एवं विभागीय अधिकारियों की ओर से चिकित्सा संस्थानों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है.
निरीक्षण अभियान के तहत 4 विजिट के बाद भी 73 चिकित्सा संस्थानों में शौचालय एवं साफ-सफाई की स्थिति असंतोषजनक पाई गई. इसे गंभीरता से लेते हुए चिकित्सा संस्थानों के प्रभारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है.
इन जिलों से मांगा जवाब
जनस्वास्थ्य निदेशक डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि अजमेर जिले के 5, बालोतरा के 1, बांसवाड़ा के 2, बारां के 3, बाड़मेर के 4, भरतपुर के 4, बूंदी के 3, चूरू के 4, दौसा के 3, डीडवाना-कुचामन के 2, डीग के 2, धौलपुर के 9, डूंगरपुर के 1, गंगानगर के 1, गंगापुर सिटी के 2, जयपुर के 1, जोधपुर के 4, करौली के 1, केकड़ी के 3, कोटा के 3, कोटपूतली-बहरोड़ के 1, पाली के 3, फलौदी के 2, राजसमंद के 1, सलूम्बर के 1, सवाईमाधोपुर के 1, सीकर के 1, सिरोही के 2, टोंक 2 एवं उदयपुर के 1 चिकित्सा संस्थान में शौचालय एवं साफ-सफाई की स्थिति असंतोषजनक पाये जाने पर नोटिस जारी किया गया है. |
गौरतलब है कि प्रदेश में 17 मार्च तक चिकित्सा संस्थानों के 9 हजार से अधिक निरीक्षण किए गए हैं. निरीक्षण के बाद मानव संसाधन चिकित्सा संस्थानों के भवन एवं परिसर की स्थिति, लेबर रूम और वार्ड्स की स्थिति, साफ-सफाई, दवा एवं उपचार की स्थितियों में काफी सुधार हुआ है. जिन चिकित्सा संस्थानों में अपेक्षा अनुरूप सुधार में लापरवाही सामने आई है. उन पर कार्रवाई की जा रही है.