Rajasthan Politics: CM भजन लाल पर डोटासरा का पलटवार,बोले- मुख्यमंत्री ने पर्ची में था सिर्फ वो पढ़ा,सवालों से कितने दिन बचेंगे ?
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Rajasthan Politics: CM भजन लाल पर डोटासरा का पलटवार,बोले- मुख्यमंत्री ने पर्ची में था सिर्फ वो पढ़ा,सवालों से कितने दिन बचेंगे ?

Rajasthan Politics: CM भजन लाल पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पर्ची में था सिर्फ उतना ही पढ़ा है.

govind singh dotasra

Rajasthan Politics: राहुल गांधी के संसद में हिंदुओं पर बयान को लेकर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर हमलावर हो गई है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तो राहुल गांधी को संस्कार हीन बता दिया. इसके जवाब में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री पर पलटवार किया. डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ वो ही पढ़ा जो पर्ची में था, पत्रकारों के सवालों के भी जवाब नहीं दिए. कल से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है, हम तो सवाल पूछेंगे, देखते हैं कि सीएम कितने दिन सवालों से बचेंगे ?

संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बयान पर आज दूसरे दिन भी सियासी बवाल मचा रहा. राजस्थान सहित देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने राहुल के बयान की निंदा कर कांग्रेस को हिंदू विरोधी बताया. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राहुल गांधी के इस बयान पर उनके संस्कारों पर ही सवाल उठा दिए. सीएम के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने राज्य सरकार पर सवाल उठा दिए.

डोटासरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक बार फिर भजन लाल सरकार पर पर्ची सरकार होने का आरोप लगाया. डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रेस ब्रीफिंग में पर्ची में जो लिखा था सिर्फ वो ही पढ़ा, पत्रकारों के सवालों के जवाब भी नहीं दिए. इससे स्पष्ट होता है कि जनता और कांग्रेस के पर्ची की सरकार की बात पर मुहर लगी. आज मुख्यमंत्री के पास प्रेसवार्ता करने का कोई मुद्दा नहीं था लेकिन दिल्ली से आई पर्ची को पढ़क़र उन्होंने धन्यवाद और चलो-चलो कहकर अपना सम्बोधन समाप्त किया. डोटासरा ने कहा कि लोकसभा चुनावों के परिणाम के बाद से मुख्यमंत्री आहत हैं और अपनी कुर्सी को लेकर बैचेन हैं, किन्तु मुख्यमंत्री को यह समझना चाहिये कि पांच साल भाजपा की सरकार चलनी है. उन्हें इतना भी बैचेन नहीं होना चाहिये कि दिल्ली से जो पर्ची आये उसमें वह एक शब्द भी अतिरिक्त क्यों नहीं जोड़ पाते.

हिंदू होने के लिए भाजपा से प्रमाण पत्र की नहीं है जरूरत –

डोटासरा ने कहा कि जिस भी व्यक्ति ने मुख्यमंत्री को पर्ची लिखकर दी उसने पर्ची बनाने में किसी तरह से बुद्धि का प्रयोग नहीं किया. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी ने जो मुद्दे संसद में उठाये वे सभी जनता के मुद्दे थे. राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा तथा आरएसएस हिन्दू समाज के ठेकेदार नहीं है तथा आरएसएस के स्वयं सेवक एवं भाजपा के नेता ही केवल हिन्दू नहीं है, बल्कि देश के करोड़ों लोग हिन्दू समाज के हैं और हिन्दू धर्म को मानते हैं, किन्तु वे भाजपा के नहीं हैं. राहुल ने आरोप लगाया कि हिन्दू के होने के लिए किसी को भाजपा से प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है. राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष की हैसियत से संसद में मणिपुर, किसान विरोधी कानून, नीट में चीट, नौकरी का वादा पूरा नहीं करने, अग्निवीर जैसे मुद्दे उठाए हैं. इनका जवाब देने के बजाय पीएम मोदी और अमित शाह बगलें झांकते हुए नजर आए. घूमते रहे, लेकिन मोदी जी ने अपना दो करोड़ नौकरियां प्रतिवर्ष देने के वादे को निभाने की चिंता नहीं की.

रात के अंधेरे में भाषण में कांट-छांट --

डोटासरा ने कहा कि राहुल गांधी के भाषण में एक भी शब्द ऐसा नहीं था जो संसदीय परम्पराओं के अनुकूल ना हो, प्रक्रिया एवं नियमों के विरूद्ध हो. भाजपा का हमेशा से एजेण्डा रहा है कि विपक्ष के नेताओं के भाषण काट-छांट कर सोशल मीडिया पर चलाकर झूठे तथ्य फैलाएं किन्तु कल संसद में राहुल गांधी ने शेर की तरह दहाड़ते हुये अपना वक्तव्य दिया, जिसे देशवासियों ने सुना और देखा.  प्रक्रिया के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष को वक्तव्य के समय अपनी व्यवस्था देनी चाहिये थी कि भाषण का कौनसा हिस्सा नियम विरूद्ध है अथवा संसदीय परम्पराओं के विरूद्ध है, यदि ऐसा होता तो देश की जनता को जानकारी मिलती कि कौनसा हिस्सा असंसदीय है और यह भी सामने आता कि क्या लोकसभा अध्यक्ष ने अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाई है.

रात को लोकसभा अध्यक्ष ने अपना सचिवालय खुलवाकर राहुल गांधी के वक्तव्य में देश की जनता के उठाये गये, युवाओं की बेरोजगारी, मंहगाई, हिंसा, नफरत, नीट, मणिपुर की घटना आदि मुद्दे जिनसे भाजपा को तकलीफ है, छांट-छांट कर राहुल गांधी के भाषण से हटाने का काम किया. इसके लिये भाजपा को देशवासियों से माफी मांगनी चाहिये.

दिलावर के DNA के बयान को उठाया --

डोटासरा ने कहा कि राजस्थान में शिक्षा विभाग एवं पंचायती राज विभाग का एक मंत्री जिसे दोनों विभाग आरएसएस की मेहरबानी से मिले हैं, कह रहे हैं कि आदिवासी भाई यदि अपने आपको हिन्दू नहीं मानते हैं तो उनका डीएनए टेस्ट करवाकर पता करवायेंगे कि इनका बाप कौन था. उन्होंने कहा कि इससे निम्र स्तरीय मानसिकता का बयान कोई और नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय को कम से कम इस मुद्दे पर पूछे गये सवाल का जवाब तो देना ही चाहिये था. 

उन्होंने कहा कि इस सवाल से मुख्यमंत्री कितने दिन बचेंगे, क्योंकि कल से विधानसभा सत्र प्रारम्भ हो रहा है और वहां उनसे यह सवाल जनता की ओर से पूछे जायेंगे क्योंकि मुख्यमंत्री महोदय छ: माह से कुर्सी पर तो बैठे हैं किन्तु उनकी सरकार जनता का कोई कार्य नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि राजस्थान के शिक्षा मंत्री प्रदेश में किस-किसका डीएनए टेस्ट करवायेंगे और किस-किसके पिता का पता करेंगे, इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री से विधानसभा में मांगी जायेगी.

राहुल गांधी ने आइना दिखाया, पूर्व प्रधानमंत्री के हैं संस्कार

उन्होंने कहा कि कल संसद में राहुल गांधी ने भाजपा को आईना दिखाया है और उनकी नाक में नकेल डालने का कार्य किया है. राहुल गांधी की दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश को एक रखने के लिये अपना जीवन कुर्बान कर दिया था, इसी प्रकार उनके पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश की एकता एवं अखण्डता के लिये अपने जीवन की कुर्बानी दी थी और सोनिया गांधी ने देश की सर्वोच्च सत्ता को ठुकरा कर त्याग का परिचय दिया था, इन्हीं से राहुल गांधी को संस्कार मिले हैं.

डोटासरा ने कहा कि भाजपा के पास हिन्दू समाज का ठेका नहीं है, हम सब हिन्दू हैं और हिन्दू होने पर गौरवान्वित महसूस करते हैं, हमें भाजपा से किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है. देश के प्रधानमंत्री ने इसी संसद में हमारी पूर्व सांसद को अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए अपमानित किया था, उस वक्त भाजपा के संस्कार कहां गये थे. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि जनता अब हर गली-चौराहे पर भाजपा से सवालों के जवाब मांगेगी.

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