Rajasthan High Court: अदालत ने निगम को अतिक्रमण हटाने के लिए विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए सर्वे रिपोर्ट और मैप के आधार पर कार्रवाई करने को कहा है.
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Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए हैं कि वह मोती डूंगरी गणेश मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र से अतिक्रमण हटाए. अदालत ने निगम को अतिक्रमण हटाने के लिए विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए सर्वे रिपोर्ट और मैप के आधार पर कार्रवाई करने को कहा है. अदालत ने कहा है कि अतिक्रमण हटाने से प्रभावित होने वालों का भी पक्ष सुना जाए. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस विनोद भारवानी की खंडपीठ ने यह आदेश मामले में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान में दायर अवमानना याचिका को निस्तारित करते हुए दिए.
साथ ही अदालत ने कहा है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से प्रभावित हुए लोग एक माह मे अपना प्रार्थना पत्र नगर निगम के समक्ष पेश कर दें और नगर निगम इस अवधि से तीन माह में उनका निस्तारण करें. दरअसल अवमानना याचिका में अदालती आदेशों का पालन नहीं होने पर नगर निगम के तत्कालीन कमिश्नर रवि जैन व मोती डूंगरी जोन उपायुक्त अशोक योगी सहित राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की गई थी.
आपको बता दें कि मामले से जुड़े अधिवक्ता विमल चौधरी ने बताया कि पूर्व में अदालत ने राज्य सरकार और नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने और पुनर्वास को लेकर एक्शन प्लान बनाने के लिए कहा था. इसके साथ ही अदालत ने मामले की मॉनिटरिंग और पुनर्वास को देखने के लिए एक कमेटी भी गठित की थी. सुनवाई के दौरान कमेटी ने अपनी सर्वे रिपोर्ट अदालत में पेश कर अतिक्रमण की जानकारी दी थी.
Reporter: Mahesh Pareek
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