राजस्थान में IPL का जिम्मा खेल परिषद के पास होने के वाबजूद कॉम्पलीमेंट्री पासेज तक ब्लैक में बेचे और खरीदे गये. क्रिकेट प्रेमी मैच देखने भी पहुंचे तो यहां उन्हें दस गुणा से ज्यादा पार्किंग के दाम ऐंठ लिए जाते है. मैच के दौरान स्टेडियम में बिकने वाली खाने-पीने की तकरीबन हरेक चीज के तीन गुणा दाम चुकाने पड़े सो अलग.
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Rajasthan News : जयपुर में 24 अप्रैल से आईपीएल मैच आयोजित किए जा रहे हैं. जयपुर के एसएमएस स्टेडियम पर बीसीसीआई ने यहां पांच मैचों की मेजबानी दी है.
RCA द्वारा स्टेडियम का एमओयू समाप्त होने के बाद ये जिम्मेदारी खेल परिषद को मिली तो लगा कि इस बार सरकारी संस्था के आयोजक होने से मैच बेहद निर्विवाद और राहत भरें हो सकेंगे, पर ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि सबसे पहले तो आईपीएल मैचों के टिकट ही क्रिकेट प्रेमियों के आसानी से हाथ नहीं लगें.
रियायती टिकटों की घोषणा होने के बाद खिलाड़ी रातभर स्टेडियम के बाहर बने बॉक्स आफिस के बाहर कतारों में सोते रहें. रियायत में सीमित टिकटों की छुपी हुई शर्ते लगाकर युवाओं के साथ यह छलावा सा नजर आया. टिकट बॉक्स ऑफिस पर नहीं होते, लेकिन दलालों के पास जरूर होते है. मैचों के दौरान टिकट ब्लैक बाजार में खुले आम दोगुने से लेकर चौगूने दामों में बिकते नजर आते है. यहां तक कॉम्पलीमेंट्री पासेज तक ब्लैक में बेचे और खरीदे जाते रहे.
जैसे तैसे क्रिकेट प्रेमी मैच देखने भी पहुंचे तो यहां उन्हें दस गुणा से ज्यादा पार्किंग के दाम ऐंठ लिए जाते है. मैच के दौरान स्टेडियम में बिकने वाली खाने-पीने की तकरीबन हरेक चीज के तीन गुणा दाम चुकाने पड़े सो अलग. मैच देखने गए तो कई जगहों पर बांउसरों ने आम क्रिकेट प्रेमियों से अभद्र व्यवहार आम बात सी है.
शुरू के कई मैचों में तो लोगों के साथ लाए गए बेशकीमती सामान भी गायब कर लिए गए. बाउंसरों ने आम दर्शकों तो क्या मैच आयोजक खेल परिषद के सचिव तक को भी दुर्व्यवहार में नहीं छोड़ा. उनके साथ अभद्रता और हाथापाई तक कर दी गई. पिछली बार भी आईपीएल मैचों में बाउंसरों द्वारा बुरे बर्ताव पर यूथ बोर्ड के तत्कालीन उपाध्यक्ष सुशील शर्मा ने इसी तरह के मामलों में कोर्ट का रूख किया था.
यूथ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुशील शर्मा का कहना है कि आईपीएल मैचों में टिकटों की कालाबाजारी से युवाओं के साथ छलावा किया जा रहा हैं. जबकि दूसरी ओर हाल ही के दिनों में कांग्रेस नेता अभिषेक चौधरी ने चुनाव आयोग में पत्र लिखकर आईपीएल मैचों में आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत भी कर दी हैं.
आज जो कोई कार्य शैली को लेकर पिछले मैच में बड़े सवाल खड़े हुए खिलाड़ियों की सुरक्षा में बड़ी चूक नजर आई. 6 अप्रैल को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलूर और राजस्थान रॉयल्स के बीच खेले गए मुकाबले में खिलाड़ियों की सुरक्षा में सेंध इस कदर देखी गई जिसे बड़ी चूक कहा जा सकता हैं. स्टैंड से एक किशोर दर्शक सीधे खिलाड़ियों तक पहुंच गया. जिससे सुरक्षा एजेंसियों के हाथ पांव फूल गए.
पुलिस की जांच में सामने आया कि वह दर्शक बिना टिकट ही मैदान में पहुंच गया था. बड़ा सवाल यह है कि बाउंसरों से लेकर पुलिस और सुरक्षाकर्मियों का इतना भारी लवाजमा होने के बाद भी आखिर बिना टिकटों के दर्शकों की एंट्री हुई तो हुई कैसे ? RCB से मुकाबले में स्टेडियम की क्षमता से अधिक दर्शकों की तादात की बात पर पुलिस भी हैरान है. पूरे मामले को लेकर खेल परिषद के सचिव सोहन राम चौधरी की माने तो आईपीएल मैचों का आयोजन बेहतरीन किया जा रहा हैं. सुरक्षा में चूक पर वे कड़े कदम उठा रहे हैं.
जयपुर में आईपीएल की पिछली सीजन के दौरान हुए मैचों में तत्कालीन खेल मंत्री आरसीए और राजस्थान रॉयल्स के विवाद किसी से छुपे नहीं हैं. इस बार उम्मीद यह की जा रही थी कि खेल विभाग द्वारा मैच आयोजन होने पर कमोबेश पहले जैसी परिस्थितियां देखने को नहीं मिलेंगी, लेकिन उम्मीदों पर खरा उतरते मैच आयोजन का प्रबंधन नजर नहीं आया.
खेल विभाग द्वारा परिषद की एक भारी-भरकम कमेटी बनाकर भले ही स्पोटर्स ऑफिसर्स और कोचेज को जिम्मेदार तो बना दिए गए। लेकिन उनके अधिकार तो नजर हीं नहीं आए.
ऐसे में आईपीएल मैचों को निजी एजेंसियों के भरोसे ही आयोजित किया जाता रहा. अब जब आयोजन के प्रबंधन पर सवाल खड़े हो रहे है तो इस पर सरकार को विचार करना भी लाजमी हैं.