ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के दौरान अंगदान की सहमति की शुरुआत देश में राजस्थान राज्य में की गई थी. दुर्घटना के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके अंगदान किसी व्यक्ति को देकर जीवनदान रोशन किया जाएगा.
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Jaipur: राजस्थान परिवहन विभाग की अंगदान की अभिनव पहल की सराहना हो रही है. राजस्थान राज्य में वर्ष 2020 अगस्त माह से वर्ष 2021 अगस्त माह तक 2 लाख 76 हजार 760 लोगों ने लाइसेंस बनाने के दौरान अंगदान की सहमति दी है, जो कि प्रदेश में अब तक की सबसे बडी अंगदान की सहमति है. ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के दौरान अंगदान की सहमति की शुरुआत देश में राजस्थान राज्य में की गई थी. दुर्घटना के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके अंगदान किसी व्यक्ति को देकर जीवनदान रोशन किया जाएगा.
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राजस्थान परिवहन विभाग (Rajasthan Transport Department) ने इस साल से एक अभिनव पहल की है जिसमें आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस के दौरान अंगदान के लिए हां या नहीं को चुनना होगा. पहले शुरुआती दौर में इस पहल में सहमति वाले कॉलम को क्लिक करे या स्कीप करके हां और नहीं या दोनों एक्सरसाईज करते हुए आवेदन कर सकते थे. परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी (Transport Commissioner Mahendra Soni) ने अब इसको स्कीप नहीं किया जा सकता अंगदान के कॉलम को हां या नहीं को एक चुनना ही होगा.
एक हार्ट का लॉगो प्रिंट करके दिया जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस
परिवहन विभाग में प्रदेश के सभी प्रादेशिक परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के दौरान अंगदान की सहमति के लिए कॉलम दिया जाता है, जिसमें एक साल में लोगों ने लाइसेंस बनाने के दौरान ज्यादतर लोगों ने अंगदान की सहमति दी है. परिवहन विभाग की ओर से ड्राइविंग लाइसेंस पर एक हार्ट का लॉगो प्रिंट करके व्यक्ति को ड्राइविंग लाइसेंस में दिया जा रहा है.
परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने बताया कि एक साल में प्रदेशभर में 2 लाख 76 हजार 760 लोगों ने अंगदान की सहमति ड्राइविंग लाइसेंस के दौरान दी है. अब आने वाले समय में अंगदान की सहमति ओर बढ़ेगी, कह सकते है कि एक अंगदाता अपने अंगदान करके 9 लोगों की जान बचा सकता है. अंगदान करने का ओर कोई माध्यम नहीं जिससे लोग अंगदान की सहमति जता सकें.
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परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने बताया कि राजस्थान के एक-एक आरटीओ कार्यालय में अलग-अलग संख्या में अंगदान की संख्या 5 हजार से लेकर 13 हजार के बीच में आरटीओ कार्यालय में आई है. राजस्थान में अंगदान की एक अभिनव पहल परिवहन जारी रखेगा और सबसे ज्यादा इन जिलेवार प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में अंगदान की सहमति आई है.
अलवर— 13 हजार से ज्यादा
जयपुर— 10800
उदयपुर—9300
सीकर— 8972
जोधपुर—7400
कोटा— 6068
परिवहन विभाग की ओर से फिल्ड आफिसर को समय-समय पर पत्र लिखकर समीक्षा बैठक में निर्देश दिए जाते हैं. फिल्ड के दौरान अधिकारी जब भी कोई सम्पर्क में आए तो लोगों को अंगदान करने के लिए जानकारी दें. बताए अंगदान महापुण्य का काम है जैसे रक्तदान, पौधारोपण, किसी गरीब की सहायता करना, किसी अनाथालय और रिटायटेंड फॉमर्स हैं ऐसी जगहों पर सहायता देना पुनित कार्य हैं. मनुष्य को एक महामानव की श्रेणी में रख देता है. सरकारी कार्य के साथ-साथ एक जीवन की इंसानियत और सोशियलिस्ट के दौरान निभाए एक प्रेरणा का कार्य भी है.
परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने बताया कि परिवहन विभाग ने घर बैठे आनलाइन लर्निंग लाईसेंस बनाने की पहल लांच की थी जिस पर लोगों का एक अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा हैं. लोग सोशल मीडिया पर परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी की इस पहल पर सराहना कर रहे हैं और कह रहे है कि आनलाइन लर्निंग लाईसेंस बनाने के लिए लंबी-लंबी लाइनो से छुटकारा मिला और समय की बचत हुई है. इससे पहले एंबुलेंस में ट्रेकिंग लॉकेशन डिवाइस लगाए गया और टैक्स क्लीयरिंस प्रमाण पत्र और परमिट की सुविधा आनलाइन की गई.