Rajendra Rathore News: नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राज्य सरकार पर प्रहार किया है. राठौड़ ने कहा मुख्यमंत्री जनता को उकसाने का काम कर रहे हैं, वो जहां जाते हैं जिले की घोषणा कर आते हैं. बिना किसी मानदंड के जिलों की घोषणा से प्रदेश में जनता विरोध कर रही है. राठौड़ ने तंज कसा कि राजस्थान बनने के बाद आज तक एक जिले में जितने उपखंड नहीं बने, उससे ज्यादा जिले बना डाले.
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Rajendra Rathore attack on Ashok Gehlot: प्रदेश में नए जिलों के गठन में विवाद पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राज्य सरकार पर प्रहार किया है. राठौड़ ने कहा मुख्यमंत्री जनता को उकसाने का काम कर रहे हैं, वो जहां जाते हैं जिले की घोषणा कर आते हैं. बिना किसी मानदंड के जिलों की घोषणा से प्रदेश में जनता विरोध कर रही है. राठौड़ ने तंज कसा कि राजस्थान बनने के बाद आज तक एक जिले में जितने उपखंड नहीं बने, उससे ज्यादा जिले बना डाले.
सवाईमाधोपुर में भाजपा के प्रबुद्धजन सम्मेलन में हिस्सा लेकर केंद्र सरकार के 9 वर्षों के विकास कार्यों और जन कल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। #9YearsOfSeva pic.twitter.com/yEQKGsz1cz
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) June 25, 2023
प्रदेश में कई जगह नए जिलों में शामिल होने या नहीं होने को लेकर विवाद चल रहा है. लोग आक्रोशित होकर सड़कों पर उतर आए हैं. सीएम ने जयपुर जिले के कांग्रेस विधायकों व प्रत्याशियों की बैठक लेकर विवाद को शांत करने तथा जनहित की बात कही. इधर जिलों के क्षेत्राधिकार के विवाद पर हो रहे आंदोलन को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. राठौड़ ने कहा कि जिलों के गठन पर जिस तरह की राजनीति हो रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
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जिले में प्रशासनिक इकाई छोटी हो, इसको माना जा सकता है पर उसके मापदंड और मानदंड होते हैं. निर्धारित सीमा और प्रक्रिया पूर्ण किए बिना सीएम जिलों की बंदरबांट कर रहे हैं. राठौड़ ने कहा कि जिले बनने चाहिए, लेकिन गुणावगुण के आधार पर बनना चाहिए. इस तरह एक जिला मुख्यालय में दो शहरों के नाम देकर लोगों को संतुष्ट किया है, लेकिन यह पैंतरा सही साबित नहीं हो रहा.
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि जिलों के पुनर्गठन के लिए रामलुभाया कमेटी बनाई गई थी. कमेटी के क्या सुझाव आए, नहीं आए. जनता के सामने नहीं आए, सिर्फ विधायकों का दबाव और चुनाव की वैतरणी हम पार कर लेंगे, इसलिए जिलों की घोषणा कर दी गई. तीन महीने में ज्यादा समय हो गया, अभी जिलों की सीमा तय नहीं हुई. इधर आंदोलन भी होने लगे हैं, जनता सड़कों पर आने लगी है. राठौड़ ने कहा कि नया जिला बनता है, सीमा बनती है तो पीढ़ीयों के लिए बनते हैं. जिस प्रकार जिलों के नाम पर गठन किया गया, हवाई बात साबित हुई है. जिलों के लिए बजट में 3 संभाग व 19 जिलों के लिए दो हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. इतनी राशि तो एक जिले के लिए ही है.
राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान निर्माण के बाद एक जिले में जितने उपखंड नहीं बनें, उससे ज्यादा जिले बना डाले. जिल की सीमा के लिए जनता की आपत्तियां लेने में सरकार डर रही है. सरकार के मंत्री कह रहे हैं जयपुर के दो टुकडे़ नहीं होने देंगे किसके लिए मरना पड़े तो भी तैयार हैं. राठौड़ ने कहा कि मंत्री किसके लिए मरने की कह रहे हैं, उनके मुख्यमंत्री ने जयपुर और जोधपुर के दो टुकड़े कर जिलों की घोषणा की है. इन जिलों अव्यवहारिक तौर पर राजस्थान का भला नहीं होने वाला है.