सांसद डॉ. किरोड़ी मीणा ने कहा है कि रीट में हुए भ्रष्टाचार (Corruption) से बेरोजगारों (unemployed) के पैसे डूब गए हैं. जमीन जायदाद बेचकर भ्रष्टाचारियों के हत्थे चढ़ने वाले युवा आत्महत्या (Suicide) करने को मजबूर हो रहे हैं.
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Jaipur: सांसद डॉ. किरोड़ी मीणा ने कहा है कि रीट में हुए भ्रष्टाचार (Corruption) से बेरोजगारों (unemployed) के पैसे डूब गए हैं. जमीन जायदाद बेचकर भ्रष्टाचारियों के हत्थे चढ़ने वाले युवा आत्महत्या (Suicide) करने को मजबूर हो रहे हैं. सरकार को चाहिए की पीड़ित बेरोजगारों कि खर्च का भुगतान सरकार जल्द से जल्द करें. डॉक्टर मीणा (Dr. Kirori mina) ने युवाओं से अपील की है कि रीट के नाम पर जिसने भी पैसा लिया है उसका नाम लिखकर दें जिससे वह पैसे दिलवाने की कोशिश कर सकें.
डॉक्टर किरोड़ी मीणा ने बताया की सरकार (Gehlot governmnet) ने रीट में भ्रष्टाचार के पर्याप्त तथ्यों के कारण रीट द्वितीय लेवल की परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया है. इस निर्णय के बाद भ्रष्टाचार के शिकार बेरोजगारों में भय व्याप्त हो गया है कि उनके पैसे डूब गए, वे स्वयं को ठगा सा महसूस कर रहे हैं. टोंक जिले के ग्राम रानीपुरा निवासी लोकेश मीणा की संदिग्ध मौत मिलने में नया मोड़ आया है.
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रीट परीक्षा के पेपर के लिए दो बड़े दलालों को करीबन 40 लाख रुपए दिए थे। जिसमें बाड़मेर (Barmer) और जयपुर (jaipur) के दो दलालों (brokers) के नाम सुसाइड लेटर में मृतक ने पूरी जानकारी लिखी जो बड़ी दुखद घटना है. पता नहीं ऐसे और कितने जवान आत्महत्या करने को मजबूर होंगे यह सरकार की भयंकर विफलता का परिणाम है. लुटे बेरोजगारों को इस मुश्किल घड़ी में सहारा देते हुए उन्हें आश्वस्त करता हूं कि आपसे जितने भी पैसे लिए हैं उनका नाम लिखकर मुझे देवें, मैं आपके पैसे वापस करवाने में पूरी मदद करूंगा.
इसके अलावा रीट में चीट से पीड़ित बेरोजगार बिना संकोच के पेपर बेचने वालों के खिलाफ FIR दर्ज करवाएं पीड़ित का नाम गोपनीय रखा जाएगा. रीट के सभी अभ्यर्थियों को परीक्षा की तैयारी के दौरान आवास कोचिंग और अन्य खर्चों की भरपाई सरकार से करवाने की मैने मांग की है. इस हेतु सभी अभ्यर्थियों को नगद भुगतान दिए जाने हेतु आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी और एक अनुमान के तहत प्रत्येक अभ्यर्थी का 4 महीने का करीबन ₹90000 का खर्चा रीट परीक्षा में हुआ है.
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डॉक्टर मीणा ने सरकार से आग्रह किया कि वह रीट परीक्षा में करीबन 1 लाख 23 हजार अभ्यर्थियों के 140 से ऊपर अंक आए हैं. उस परीक्षा परिणाम को सरकार सार्वजनिक करे वरना बोर्ड एवं सरकार के व्यक्ति तथा पेपर लीक माफिया OMR सीट एवं अन्य प्रमाण को खुर्द-मुर्द कर सकते हैं. राजस्थान सरकार प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाएं ताकि इस कांड के बड़े सरगना पकड़ में आ सकें. पेपर लीक गैंग को खत्म करने के लिए ठोस कानून बनाएं और रीट परीक्षा के पीड़ित बेरोजगारों को खर्च हुए उनके रुपयों का शीघ्र भुगतान करें.