Right to Health Bill: राईट टू हैल्थ बिल के विरोध में लाठीचार्ज और वाटर कैनन से खदेड़े जाने के बाद भी डॉ पुष्पेंद्र गर्ग ने इंसानियत और पेशे का फर्ज निभाया,लगभग मौत के मुंह में जा चुके पुलिसकर्मी को आधे घँटे तक दिया सीपीआर और बचा ली जान.
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Right to Health Bill: राईट टू हैल्थ बिल के विरोध में हड़ताली डॉक्टर्स पर लाठीचार्ज और स्टेच्यू सर्किल पर वाटर कैनन से डॉक्टर्स को खदेड़ने की खबर के बीच बड़े दिल वाले एक "दिल के डॉक्टर की खबर" सामने आई है, मामला बुधवार का है जब स्टेच्यू पर बिल के विरोध में डॉक्टर्स पर पुलिस ने वॉटर कैनन छोड़ा था. विरोध प्रदर्शन के बाद कार्डियोलोजिस्ट डॉ पुष्पेंद्र गर्ग अपनी एम्बुलेंस लेकर न्यू सांगानेर रोड की तरफ जा रहे थे. इस दौरान एक अन्य रैली में ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मी को सड़क पर हार्ट अटैक आया. डॉ पुष्पेंद्र गर्ग ने पुलिस द्वारा लाठीचार्ज और वाटर कैनन से खदेड़े जाने और कार्य बहिष्कार करते हुए भी मानवता के साथ साथ डॉक्टर पेशे का धर्म निभाया.
राईट टू हैल्थ बिल के विरोध में सभी निजी अस्पताल बंद होने के बावजूद वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुष्पेंद्र गर्ग पुलिसकर्मी को लेकर अपने अस्पताल पहुंचे और बिना किसी देरी के डॉ गर्ग ने मानवता का बड़ा फर्ज निभाया और पुलिसकर्मी का ईलाज करना शुरु कर दिया. इलाज से पहले पुलिसकर्मी मुकेश को हार्ट अटैक आ चुका था, और धड़कनें भी नहीं चल रही थी.
ऐसी स्थिती में भी डॉ. पुष्पेंद्र गर्ग ने उम्मीद नहीं छोड़ी, डॉ. गर्ग एंबुलेंस में ही 10-15 मिनट तक सीपीआर देते रहे लेकिन इस प्रयास से भी धड़कन नहीं लौटी तो मुकेश को 20-25 बिजली के झटके भी दिए, और इस प्रयास के बाद डॉ. गर्ग को पुलिसकर्मी मुकेश की धड़कन महसूस हुई, धड़कनें लौटते ही डॉ. पुष्पेंद्र गर्ग ने बिना देरी करते हुए 3 मिनट में मरीज की एंजियोप्लास्टी की, डॉ. पुष्पेंद्र गर्ग ने एंजियोप्लास्टी कर खोली ब्लॉक हुई आर्टरी. इस दौरान वहां एसएचओ भी मौजूद थे.
डॉ. पुष्पेंद्र गर्ग का बयान
लगभग मौत के मुंह में जा चुके पुलिसकर्मी को डॉ. पुष्पेंद्र गर्ग की इंसानियत और जिंदादिली से पुलिसकर्मी को नई जिंदगी मिल गई, ईश्वर ने आखिर डॉक्टर की मेहनत को बेकार नहीं जाने दीया. और आखिर इंसानियत की जीत हुई. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुष्पेंद्र गर्ग का कहना है कि हमारी हड़ताल थी और पुलिस से सामना भी हुआ था। मुझे लगा मरीज आया है तो जिम्मेदारी निभानी चाहिए। खुशी है कि हम सफल हो गए। बिल का विरोध अपनी जगह था और मानवता अपनी जगह है. पुलिसकर्मी अगले ही दिन होश में आ गया,पुलिसकर्मी के परिवार ने जताया डॉक्टर पुष्पेंद्र गर्ग का आभार.