Jaipur News: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने सीएम अशोक गहलोत को नसीहत देते हुए कहा कि अपने कलीग के साथ इस तरह की असभ्य भाषा का इस्तेमाल ठीक नहीं.
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Jaipur: जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के तीसरे दिन कांग्रेस नेता शशि थरूर ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने प्रेस वार्ता कर कहा कि कोई भी इस बात को नहीं नकार सकता कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पार्टी में नई ऊर्जा आ रही है. इस यात्रा का मकसद एकता संदेश देना और नफरत को रोकना है.
जब इसमें शामिल लोग वापस जाएंगे तो इसी सन्देश को आगे बढ़ाएंगे. उन्होंने कहा कि यात्र से पहले राहुल गांधी की छवि को पप्पू साबित करके उन्हें एरोगेंट और लापरवाह नेता के रूप में प्रचारित किया गया. लेकिन यात्रा से लोगों की यह सोच बदल गई. भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस और कार्यकर्ताओं में नया विश्वास आया है. थरूर ने कहा कि राहुल प्रेस नोट में सीरियस बात कर रहे हैं, और मोदी नहीं कर रहे.
इस दौरान राजस्थान और केरल में कांग्रेस नेताओं के मनमुटाव पर थरूर ने कहा कि लोकतंत्र में राय और सोच अलग-अलग हो सकती है, लेकिन जब मुद्दे की बात आती है तो सब एक होते हैं. यह छोटामोटा मनमुटाव है. लेकिन बीजेपी के खिलाफ हम सब एक हैं. मनमुटाव किसके बीच नहीं होता, लेकिन सब एक ही सोच को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. तो यह मुद्दा छोटा हो जाता है.
गहलोत को थरूर ने पढ़ाया सभ्य भाषा का पाठ
शशि थरूर ने कहा कि कलीग के साथ इस तरह की असभ्य भाषा का इस्तेमाल ठीक नहीं. गौरतलब है कि cm अशोक गहलोत ने पूर्व में सचिन पायलट को नकारा, निकम्मा और नालायक कहा था. और हाल ही में उन्होंने कहा कि पायलट पार्टी के लिए बड़ा कोरोना हैं.
बता दें कि इम बयान को लेकर शक्रवार को पायलट ने भी कहा था कि कि जो शब्द खुद न सुन सकें, वह दूसरों के लिए इस्तेमाल न करें. थरूर ने कहा कि निजी तौर पर पसंद-नापसंद अलग बात है, लेकिन अपने साथी नेता के लिए संयमित शब्दों का प्रयोग करें. इसे जताने का यह सही तरीका नहीं है.
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भले ही लॉ एंड आर्डर सुधरा, लेकिन देश मे मॅहगाई बेरोजगारी बढ़ी है. इस दौरान गोडसे पर बन रही फिल्म को लेकर बोले शशि थरूर बोले कि जो लोग कभी गांधीजी के चश्मे को लेकर स्वच्छता की बात करते थे, अब उन लोगों के मुंह से गोडसे की बात निकल रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है. गांधीजी हिंदू-मुस्लिम एकता चाहते थे, इसलिए उनकी हत्या की गई. उनके जीवन के सफर पर अभी सोचने का वक्त है.
Reporter- Anup Sharma