Sikar: 'एक दिन गांव के लिए' अभियान को लगे पंख, बदल गई गांवों की तस्वीर
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Sikar: 'एक दिन गांव के लिए' अभियान को लगे पंख, बदल गई गांवों की तस्वीर

गांव का विकास हुआ तो देश का विकास होगा.

15 युवाओं ने हर रविवार को गांव की साफ सफाई शुरू की

Sikar: कौन कहता है आसमा में छेद नही हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो, ये शेर सीकर (Sikar News) के अजीतगढ़ के युवाओं की पहल पर सटीक बैठता है. अजीतगढ़ के 15 युवाओं (Youth) के गांव की तस्वीर बदलने की पहल और जज्बे को सलाम. इन युवाओं ने कैसे गांव में साफ सफाई से लेकर गांव के विकास (Development) में कैसे अहम भूमिका निभाई. एक दिन गांव के नाम से शुरू की गई पहल को इस कदर पंख लगे कि आज अजीतगढ़ ही नहीं आस-पास के गांवों के सैकड़ों युवा इन युवाओं के साथ जुड़े और अपने-अपने गांवों में कैसे साफ-सफाई, पौधारोपण सहित अनेक समाज उत्थान को फलीभूत किया.

गांधी कहा करते थे भारत गांवों में रहता है और गांव का विकास हुआ तो देश का विकास होगा. युवाओं की इसमे खासी भूमिका हो तो फिर कहने क्या. सीकर के अजीतगढ़ के 15 युवाओं ने जनवरी 2015 में ठानी की गाव की साफ-सफाई की जाए, गांव को हरा-भरा करने के लिए पौधारोपण (Plantation) किया जाए. कुए बावड़ी गढ़ किलो जैसी ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण किया जाए. 

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युवाओं ने हर रविवार को गांव की साफ सफाई की शुरू 
चेतन्य मीणा (Chetanya Meena) के नेतृत्व में 15 युवाओं ने हर रविवार को गांव की साफ सफाई शुरू की. इस अभियान को नाम दिया 'एक दिन गांव के नाम" अभियान. युवाओ ने पार्कों, स्कूलों, अस्पताल, एतिहासिक धरोहरों की सफाई शुरू की. अभियान से युवा जुड़ते गए. अजीतगढ़ में अब हर रविवार को युवा साफ-सफाई कर गांव की काया पलट कर रहे हैं.

अभियान से समाज सेवी सेवाभावी लोग भी जुड़ने लगे
अजीतगढ़ में युवाओं की अनूठी पहल और इस अभियान से समाज सेवी (social worker) सेवाभावी लोग भी जुड़ने लगे. अजीतगढ़ के साथ-साथ आस-पास के गांवों में इन युवाओं ने जाकर शहीद स्मारक, पार्क (Park), स्कूल सार्वजनिक, धार्मिक स्थलों की स्थलों की सफाई की. बेजुबानों के लिए परिंडे लगवाए. कुएं-बावड़ियों की सफाई के साथ पौधे लगाए और इससे हर गांव के युवा और लोग जुड़ते चले गए. एक दिन गांव के नाम अभियान में युवाओं ने शहीदों के सम्मान में शहीद वंदन अभियान शुरू किया. शहीदों के परिजनों का सम्मान शुरू किया. प्रतिभावान विद्यार्थियों को गांव की प्रतिभाओं को सम्मानित करना शुरू किया गया.

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संरक्षण-स्वच्छता को लेकर संदेश दिया गया
जल संरक्षण (Water conservation), ऐतीहसिक धरोहरों के संरक्षण स्वच्छता को लेकर संदेश दिया गया. असहायों को कपड़े मुहेया कराने के लिए कपड़ा बैंक, रक्त की कमी और जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध कराने के लिए ब्लड डोनेशन कैम्प (Blood Donation Camp) लगवाए गए. अजीतगढ़ के समाज सेवी मोहम्मद शरीफ गौरी (Mohd Sharif Ghauri) व पद्मश्री जगदीश पारीक (Padmashree Jagdish Pareek) भी इस अभियान की तारीफ करते हुए बताते है कि अभियान से प्रेरित होकर वे भी इससे जुड़कर इन समाजिक उत्थान के कार्यक्रम में अपना योगदान दे रहे हैं.

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अजीतगढ़ के युवाओं के एक दिन गांव के लिए अभियान से गांवों की तस्वीर तो बदल ही रही है साथ ही युवा गांव के उत्थान में अपना योगदान भी दे रहा है. इतना ही नहीं अन्य गांवों के युवा इससे प्रेरणा लेकर दर्जनों गांवों में भी इस तरह का अभियान शुरू किया है. एक दिन गांव के लिए अभियान हर गांव में शुरू हो तो गांव की तस्वीर बदलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा. सरकार को भी चाहिए ऐसे अभियानों को परतोसहित करे.
Report- Ashok Shekhawat

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