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जयपुर: आज साल का पहला पुष्य नक्षत्र हैं. छोटीकाशी में रवि पुष्य नक्षत्र पर मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में पंचामृत अभिषेक हुआ. शहर के गणेश मंदिरों में भी भगवान श्रीगणेश की मनुहार होती रही.. मंदिरों में अथर्व शीर्ष के पाठों से प्रथम पूज्य श्रीगणेश को मोदक अर्पित किए. भक्तों ने गणपति स्त्रोत, गणपति अष्टोत्तरशत नामावली पाठों से भगवान गणेश की विशेष पूजा की.
मोतीडूंगरी गणेश मंदिर में महंत कैलाश शर्मा के सानिध्य में 251 किलो दूध, 21 किलो दही, सवा पांच किलो घी, 21 किलो बूरा, शहद , केवड़ा जल, गंगाजल आदि से पंचामृत अभिषेक किया गया. नहर के गणेशजी, श्वेत सिद्धि विनायक मंदिर, गणेश पीठ की ओर से चांदपोल बाजार के खेजड़ों का रास्ता के गणेश मंदिर में गणेश जी का गुलाब, केवड़ा जल से अभिषेक किया गया. साथ ही नवीन पोशाक धारण करवाकर गणेश जी को फूलों के बंगले में विराजमान किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में पहुंचे.
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विशेष पूजा के बाद आम लोगों को दी गई पूजा करने की अनुमति
मोतीडूंगरी मंदिर में सुबह से लोगों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. रवि पुष्ट नक्षत्र पर पंडितों द्वारा विशेष पूजा के बाद आम लोगों को मंदिर में पूजा की अनुमति दी गई. मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि रविवार को पड़ने वाले पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विशेष पूजा करने से सिद्धि विनायक हर बिगड़े काम को सही कर देते हैं.
आठवां नक्षत्र होता है पुष्य नक्षत्र
.गौरतलब हैं की 27 नक्षत्र होते हैं जिनमें से आठवां नक्षत्र पुष्य नक्षत्र कहलाता है. इसे नक्षत्रों का राजा माना जाता है.जब पुष्य नक्षत्र रविवार को आता है तो इसे रवि पुष्य नक्षत्र कहा जाता है. रवि पुष्य पर आज सर्वार्थ सिद्धि योग भी हैं. इस योग में श्रद्धालुओं द्वारा सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना प्रथम पूज्य गणेश पूरा करते हैं.