Stenographer Recruitment 2018: स्टेनोग्राफर भर्ती 2018 में नहीं थम रहा विवाद, अब मुख्यमंत्री गहलोत और राज्यपाल तक पहुंची शिकायत
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Stenographer Recruitment 2018: स्टेनोग्राफर भर्ती 2018 में नहीं थम रहा विवाद, अब मुख्यमंत्री गहलोत और राज्यपाल तक पहुंची शिकायत

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा 21 मार्च 2021 को आयोजित हुई शीघ्रलिपिक भर्ती परीक्षा 2018 भर्ती के अंतिम चरण तक पहुंच चुकी है.

स्टेनोग्राफर भर्ती 2018 में नहीं थम रहा विवाद

Jaipur: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा 21 मार्च 2021 को आयोजित हुई शीघ्रलिपिक भर्ती परीक्षा 2018 भर्ती के अंतिम चरण तक पहुंच चुकी है, लेकिन भर्ती में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही है. 

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लिखित परीक्षा के बाद अक्टूबर 2021 में आयोजित हुई दूसरे चरण की परीक्षाओं को 17 चरणों में आयोजित करवाने के विरोध के साथ ही भर्ती में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप भी लगाए जा रहे हैं. भर्ती से जुड़े अभ्यर्थियों द्वारा अब इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय और राजभवन में भी शिकायत दी गई है. 

गौरतलब है कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से स्टेनोग्राफर के 1211 पदों पर 21 मार्च 2021 को भर्ती परीक्षा का आयोजन करवाया गया था. परीक्षा में करीब 53 हजार से ज्यादा परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था. परीक्षा का पहला परिणाम 6 अगस्त 2021 को जारी किया गया, जिसमें द्वितीय चरण के लिए करीब 14 हजार परीक्षार्थियों को सूचीबद्ध किया गया, लेकिन सूची से वंचित रहे अभ्यर्थियों ने दोबारा परिणाम जारी करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने करीब 16 हजार परीक्षार्थियों को दूसरे चरण की परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए. 

हाईकोर्ट के आदेश के बाद 23 नवम्बर 2021 को करीब 16 हजार परीक्षार्थियों को दूसरे चरण में चयनित करने की सूची जारी की गई. पहले परिणाम में सूचीबद्ध अभ्यर्थियों के दूसरे चरण की परीक्षा का आयोजन 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक किया गया तो वहीं, हाईकोर्ट के निर्देश के बाद शामिल अभ्यर्थियों के दूसरे चरण की परीक्षा का आयोजन 11 जनवरी 2022 से 13 जनवरी 2022 को आयोजित हुई. दूसरे चरण की परीक्षा का आयोजन बोर्ड की ओर से 17 चरणों में किया गया, जिसके बाद 18 फरवरी 2022 को दूसरे चरण की परीक्षा का परिणाम जारी करते हुए 1211 पदों पर दो गुना अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए चयनित किया गया. 

भर्ती से जुड़े अभ्यर्थी महेन्द्र का आरोप लगाते हुए कहना है कि बोर्ड की ओर से आयोजित बड़ी परीक्षाओं को भी दो से तीन चरणों में आयोजित करवाया गया, जबकि महज 30 हजार परीक्षार्थियों की दूसरे चरण की परीक्षा का आयोजन 17 चरणों में किया गया. इसके साथ ही दूसरे चरण में रोल नम्बर रेंडमली ना करके शहर, गांव, परिवार, कोचिंग और संस्थानों के विद्यार्थियों को दूसरे चरण की परीक्षा में एक साथ बैठाया गया. 

साथ ही दूसरे चरण की परीक्षा में वर्ग विशेष को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से भी रोल नम्बर एक साथ आवंटित किए गए. साथ ही नागौर की एक कोचिंग संस्थान के परीक्षार्थियों के दूसरे चरण की परीक्षा जयपुर के एक परीक्षा केन्द्र पर एक साथ आयोजित हुई जिसमें से दो गुना अभ्यर्थियों की सूची में कोचिंग के 90 विद्यार्थी शामिल है. 

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17 चरणों में आयोजित परीक्षा में बोर्ड की ओर से नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को नहीं अपनाया गया, जिसके चलते योग्य अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो गये हैं. इन्हीं सभी सबूतों के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय और राजभवन में अपनी शिकायत दी है.

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