जयपुर (Jaipur News) की चौमूं नगर में एक बार फिर से करीब डेढ़ करोड़ का घोटाला सामने आया है. इससे पहले भी पालिका विवादों में रह चुकी है.
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Jaipur : राजधानी जयपुर (Jaipur News) की चौमूं नगर में एक बार फिर से करीब डेढ़ करोड़ का घोटाला सामने आया है. इससे पहले भी पालिका विवादों में रह चुकी है. दरअसल नगर पालिका (Chomu Municipality) ने बोरिंग करवाने के लिए करीब एक करोड़ 70 लाख रुपयों की निविदा जारी की थी. इसको लेकर करीब 7-8 फर्मों ने ऑनलाइन निविदा के लिए आवेदन किया था. वहीं, सभी फर्मों ने 24 अगस्त को आवेदन पत्र के साथ डीडी भी जमा करा दी, लेकिन सोमवार को जब निविदा खोली गई तो यादव कंस्ट्रक्शन कंपनी सहित दो अन्य फर्मों के नाम ही निविदा खोली गई. बाकी सभी फर्म के आवेदन पत्रों के साथ लगाई गई डिमांड ड्राफ्ट गायब मिले.
डिमांड ड्राफ्ट नहीं होने के चलते बाकी सभी फर्मो को निविदा से बाहर कर दिया. इस मामले को लेकर निविदा में शामिल हुए ठेकेदारों ने डीएलबी निदेशक को भी इसकी शिकायत की है. नियमानुसार टेंडर प्रकिया की वीडियोग्राफी करवाई जानी थी लेकिन टेंडर की वीडियोग्राफी नहीं करवाई गई. इतना ही नहीं 24 अगस्त को जब डिमांड ड्राफ्ट जमा किए गए थे तो सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर दिए गए थे. इस बात की जानकारी तब लगी जब सोमवार को निविदा खोली गई तो बाकी फर्म के आवेदन पत्रों के साथ डिमांड ड्राफ्ट गायब मिले.
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हालांकि अब आनन-फानन में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी वर्षा चौधरी ने इस टेंडर को निरस्त कर दिया है, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिरकार 24 अगस्त के दिन कैमरे किसके आदेश से किसने बंद किए. तो वहीं, दूसरी तरफ नगर पालिका में खुला भ्रष्टाचार हो रहा है तो इस पर अब अंकुश कौन लगाएगा? इस पूरे गड़बड़ झाले में अब नगर पालिका अधिशासी अधिकारी ने टेंडर प्रक्रिया में शामिल तीन कर्मचारियों को 17 सीसी के नोटिस दिए हैं.
इधर, भाजपा पार्षदों ने इस पूरे मामले को लेकर एसीबी में मामला दर्ज कराने की बात कही है. पार्षद बाबूलाल यादव ने कहा कि नगर पालिका में खुला भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है जिस तरीके से अपने चहेते लोगों को ट्यूबेल का टेंडर दिया गया. इसमें सीधा-सीधा भ्रष्टाचार नजर आ रहा है.