शास्त्रों के अनुसार, मनुष्य को प्रतिदिन पूजा-अर्चना करनी चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य के पापों का शमन होता है और उसके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है. ऐसा व्यक्ति जहां भी जाता है, उस व्यक्ति में सकरात्मकता झलकती रहती है.
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Jaipur: शास्त्रों के अनुसार, मनुष्य को प्रतिदिन पूजा-अर्चना करनी चाहिए. ऐसा करने से मनुष्य के पापों का शमन होता है और उसके आसपास सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है. ऐसा व्यक्ति जहां भी जाता है, उस व्यक्ति में सकरात्मकता झलकती रहती है.
वहीं शास्त्रों में कुछ ऐसे कार्य बताए गए हैं, जिन्हें हिन्दू सनातन धर्म में वर्जित माना जाता है और इन कार्यों को भूल से भी नहीं करना चाहिए. तो आइए जानते हैं पूजा के दौरान क्या कार्य वर्जित माने जाते हैं.
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पूजा-अर्चना में नहीं करें ये काम
मंदिर परिसर में स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग दें. गणेश जी को तुलसी नहीं चढ़ाएं. शिव लिंग पर केतकी फूल नहीं चढ़ाएं. विष्णु को तिलक में अक्षत नहीं चढ़ाएं. दो शंख एक समान पूजा घर में नहीं रखें.
घर में तीन गणेश मूर्ति न हों
मंदिर में तीन गणेश मूर्ति नहीं रखें. तुलसी पत्र चबाकर नहीं खाएं. द्वार पर जूते चप्पल उल्टे नहीं रखें. दर्शन करके लौटते समय घंटा नहीं बजाएं. एक हाथ से आरती नहीं लेनी चाहिए.
इन बातों का भी रखें ध्यान
ब्राह्मण को बिना आसन बिठाना नहीं चाहिए. स्त्री द्वारा हनुमानजी शनिदेव को स्पर्श वर्जित है. बिना दक्षिणा ज्योतिषी से प्रश्न नहीं पूछना चाहिए. घर में अंगूठे से बड़ा शिवलिंग नहीं रखें. तुलसी पेड़ में शिवलिंग किसी भी स्थान पर नहीं हो. गर्भवती महिला को शिवलिंग स्पर्श नहीं करना है.
स्त्री द्वारा मंदिर में नारियल नहीं फोड़ना है. कंवारी कन्याओं से पैर पड़वाना पाप है. परिवार में सूतक हो तो पूजा प्रतिमा स्पर्श नहीं करें. शिव लिंग से बहते जल को लांघना नहीं चाहिए.