सावन मास में शिव पूजा का विशेष महत्त्व रहता है. जयपुर जिले से पूर्व दिशा में बस्सी उपखंड के बांसखो ग्राम पंचायत में स्थित नईनाथ धाम में अरावली पर्वत श्रृंखलाओं की तलहटी में भोलेनाथ का दरबार सावन-भादों में अपनी प्राकृतिक छटा से एकबारगी सबका मन मोह ही लेता है.
Trending Photos
Bassi: सावन मास में शिव पूजा का विशेष महत्त्व रहता है. जयपुर जिले से पूर्व दिशा में बस्सी उपखंड के बांसखो ग्राम पंचायत में स्थित नईनाथ धाम में अरावली पर्वत श्रृंखलाओं की तलहटी में भोलेनाथ का दरबार सावन-भादों में अपनी प्राकृतिक छटा से एकबारगी सबका मन मोह ही लेता है. धार्मिक स्थल नईनाथ धाम पर सोमवार से तीन दिवसीय लक्खी मेले की शुरुआत प्रदोष मेले के साथ शुरू होगा. मुख्य मेला बुधवार को भरेगा और मेले को लेकर उपखंड प्रशासन, ग्राम पंचायत प्रशासन, नईनाथ सेवा ट्रस्ट तैयारियों में जुटा है.
सावन की शुरुआत से ही पदयात्रा के साथ ही कावड़ यात्रा और कनक दण्डवत करते हुए भी श्रद्धालु भोले के दरबार में पहुंच रहे है. रविवार को नईनाथ धाम पर दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. दर्जनों पदयात्राएं और कनक दंडवत करते श्रद्धालुओं के आने से दिनभर जयकारों से गुंजायमान रही.
यह भी पढ़ें - Sawan 2022: न्याय के देवता के रूप में पूजे जाते हैं भगवान भोलेनाथ, जानें अनोखी कहानी
सावन के दूसरे वन सोमवार और प्रदोष होने से कावड़ियों और दर्जनों पदयात्राओं के हजारों की संख्या में श्रद्धालु भोले के दरबार में हाजरी लगाएंगे. मंगलवार को रात्रि जागरण में राज्य सहित देश के कई हिस्सों से श्रद्धालु भाग लगे. लक्खी मेलें की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. रविवार से ही भोले के दरबार में श्रद्धालुओं के पहुंचने का दौर शुरू हो गया.
मेला स्थल पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिसकर्मी भी तैनात रहेंगे. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए गणेश मोड़ पर ही बेरिकेडिंग की गई है. मंदिर परिसर में विशेष रोशनी की व्यवस्था की गई है. मेले के दौरान सेवाभाव में लोग जगह-जगह श्रद्धालुओं को मान मनुहार के लिए चाय, जल, भंडारों का आयोजन किया जाएगा.
यहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि और सावन कृष्ण चतुर्दशी पर ट्रस्ट के तत्वाधान में विशाल लक्खी मेले का आयोजन होने वाले वार्षिक मेले में जन सैलाब उमड़ पड़ता है. इसके अलावा प्रत्येक माह अमावस्या की चतुर्दशी और सोमवार के मौके पर श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शनों का लाभ उठाते है.
मंदिर पुजारी मंगल नाथ ने बताया कि मंगलवार को रामनिवास कर्मचारियों की ओर से शिवलिंग की झांकी और रात्रि जागरण पर भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा. बुधवार को मुख्य लक्खी मेला और गुरुवार को बांसखो में गुदड़ी के मेले के साथ लक्खी मेले का समापन होगा. लक्खी मेले में करीब चार लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है.
Reporter: Amit Yadav
जयपुर की अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
अन्य बड़ी खबरें
ERCP को लेकर भाजपा ने जानबूझकर गलत तथ्य पेश किए-गोविंद सिंह डोटासरा
कुरंजा पधारे, झुंझुनूं के बांसियाल, खेतड़ी को टूरिस्ट स्पॉट बनाने की कवायद
रणवीर सिंह के बाद उर्फी जावेद हुई न्यूड, गुलाब की पंखुड़ियों से खुद को ढका