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जयपुर: उदयपुर हत्याकांड को लेकर राजस्थान समेत पूरे देश में आक्रोश का माहौल है. वहीं, गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है. राजेंद्र यादव बताया कि सभी समुदायों में घटना पर रोष है.हमने सभी पार्टियों से पैनिक बयान नहीं देने का आग्रह किया था न्यूज़ ऐजेन्सी का वीडियो मैनें देखा है. उसमें बताया जा रहा है कि आरोपी रियाज बीजेपी का कार्यकर्ता था. सुनने में आया है कि यह बीजेपी का पोलिंग ऐजेन्ट रहा है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का पोलिंग ऐजेन्ट रहा है. इनके क्या सम्बन्ध थे और कितना सक्रिय वर्कर था? इसकी भी चर्चाएं सुनी हैं. ऐसे में बीजेपी से कहना चाहूंगा, यह समय धैर्य से काम लेने का है. जो बार-बार बंद के आह्वान आप कर रहे हैं. इससे पूरे प्रदेश में तनाव का वातावरण बनता है.
हम सब को पहले तो एनआईए की जांच में सहयोग करना चाहिए. बीजेपी आरोप-प्रत्यारोप लगाती रही है तो आज उनके सामने है. आज उनके कार्यकर्ता ने ऐसा जघन्य अपराध किया है. मैं यह नहीं कहता कि पार्टी इसे शह दी है, लेकिन ऐसे लोगों से भी दूर रहनी चाहिए. हम राजनीतिक पार्टियों में कार्यकर्ता भी आते हैं. कौन किस विचारधारा का है, क्या अपराध कर दे, लेकिन घटना के बाद जिस तरह के बयान दिये गए. मैं फिर इनको कहना चाहूंगा, कि इनको धैर्य से और प्रदेश हित में बयान देने चाहिए.
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NIA जांच में सब हो जाएगी साफ
बीजेपी की तरफ से पार्टी नेताओं के साथ फोटो के खण्डन वाले सवाल के जवाब में गृह राज्य मन्त्री राजेन्द्र यादव ने कहा कि हर नेता कहता है कि सार्वजनिक कार्यक्रम में फोटो ली होंगी, लेकिन जब कार्यकर्ता होता है तभी फोटो खिंचती है. जब आपको पता है कि यह पार्टी का कार्यकर्ता या पदाधिकारी है. हम राजनेता इतना तो जानते हैं कि यह बार-बार मिल रहा है. गली मोहल्ले का और क्षेत्र का है, तो पार्टी का है.राजेन्द्र यादव ने आगे कहा कि चीजें आगे की जांच में सामने आ जाएंगी. सुनने में आ रहा है कि यह अल्पसंख्यक मोर्चे में कोई पदाधिकारी भी है,चीजें आगे की जांच में सामने आ जाएंगी.
आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
आतंकी कनेक्शन है या नहीं इस पर राजस्थान पुलिस और एनआईए के सूत्रों के अलग-अलग दावे आ रहे हैं.इस पर राजेन्द्र यादव ने कहा कि एनआईए ने इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. यादव ने कहा कि घटना वीभत्स है और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी चर्चा है. उन्होंने कहा कि मर्डर हुआ और दहशत फैलाने के लिए हुआ. अन्यथा कहीं कोई वारदात होती है तो आरोपी भाग जाते हैं, लेकिन आतंक फैलाने के लिए इन्होंने वीडियो बनाया और बाकायदा उन्होंने वीडियो वायरल किया. अगर मामला मोटिवेटेड नहीं है तो एनआईए नहीं देखेगी, यादव ने कहा कि आरोपी 45 दिन बाहर रहकर आए हैं. ऐसे में मैं नहीं मान सकता कि यह घटना मोटिवेटेड नहीं है.उन्होंने यह भी कहा कि सख्त से सख्त कार्रवाई इन पर होनी चाहिए, जिससे यह नज़ीर बने और भविष्य में ऐसी घटना ना हो सके .