कोरोना की दूसरी लहर कम होने के साथ ही अब प्रदेश के विभिन्न संगठन और बेरोजगार संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर उतर चुके हैं.
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Jaipur: राजधानी जयपुर (Jaipur) का शहीद स्मारक (Shaheed Smarak) इस समय मांगों को लेकर धरना स्थली बन चुका है. शहीद स्मारक पर इस समय चार संगठनों द्वारा धरना (Dharna) दिया जा रहा है.
राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी संघ (Rajasthan Ministerial Employees Union) अपनी मांगों को लेकर 2 अक्टूबर से धरने पर बैठे हैं तो वहीं बीएसटीसी अभ्यर्थी 4 दिनों से धरना दे रहे हैं. थर्ड ग्रेड शिक्षक तबादलों की मांग को लेकर दो दिनों से सत्याग्रह की राह पर हैं. इसके साथ ही आज से राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ (Rajasthan Unemployed Unified Federation) ने 21 सूत्री मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू कर दिया है.
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कोरोना की दूसरी लहर कम होने के साथ ही अब प्रदेश के विभिन्न संगठन और बेरोजगार संगठन अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर उतर चुके हैं. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव (Upen Yadav) आज से 21 सूत्री मांगों को लेकर आमरण अनशन कर दिया है. रीट, एसआई भर्ती की सीबीआई से जांच और 23 फरवरी और 3 अप्रैल को तीन मंत्रियों की कमेटी द्वारा जो लिखित समझौता हुआ था, उसको लागू करने की मांग को लेकर ये आमरण अनशन शुरू किया गया है.
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क्या कहना है महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव का
महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव (Upen Yadav) का कहना है कि "विभिन्न मांगों को लेकर तीन मंत्रियों की एक कमेटी बनाई जिसके बाद 23 फरवरी और 3 अप्रैल को लिखित में समझौता हुआ लेकिन अभी तक मांगों पर कोई फैसला नहीं लिया गया. साथ ही रीट और एसआई भर्ती में जो फर्जीवाड़ा हुआ उसकी सीबीआई से जांच की जाए और इसी को लेकर अब सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का मोर्चा खोला है."
26 सितम्बर को आयोजित हुई रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा लेवल-1 से बीएड धारियों की मांग को लेकर पिछले चार दिनों से बीएसटीसी अभ्यर्थी धरने पर बैठे हैं. साथ ही कल से क्रमिक अनशन की भी शुरूआत की जा चुकी है. ऐसे में 26 अक्टूबर को कोर्ट में होने वाली सुनवाई में बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में मजबूत पैरवी की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा है.
क्या कहना है बीएसटीसी अभ्यर्थी का
क्रमिक अनशन पर बैठे बीएसटीसी अभ्यर्थी नितेश प्रजापति (Nitesh) का कहना है कि "लेवल-1 में शुरू से ही बीएसटीसी अभ्यर्थियों का हक रहा है, ऐसे में अगर लेवल-1 में बीएड धारियों को शामिल किया जाता है तो प्रदेश के 4 लाख बेरोजगारों का सरकारी नौकरी लगने का सपना टूट जाएगा क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ही बीएसटीसी करता है क्योंकि उसके बाद बीएड करने के लिए बड़ी राशि नहीं होती है."
बेरोजगारों ने खोला आर-पार की लड़ाई का मोर्चा
दोनों ही बेरोजगार संगठन की ओर से इस बार आरपार की लड़ाई के ऐलान कर दिया है, जहां बीएसटीसी अभ्यर्थी 26 अक्टूबर तक धरने की चेतावनी दे चुके हैं तो वहीं उपेन यादव ने भी इस बार आर-पार की लड़ाई का मोर्चा खोल दिया है.