जब गुरुजी ही मुर्गा बन करने लगे विरोध, धरना स्थल पर लगा जमावड़ा, जानें पूरा मामला
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जब गुरुजी ही मुर्गा बन करने लगे विरोध, धरना स्थल पर लगा जमावड़ा, जानें पूरा मामला

विद्यार्थियों को अपने जीवन में सभी बाधाओं को पार करके आगे बढ़ने की सिख देने वाले शिक्षक इस समय अपनी एक मांग को लेकर मुर्गा बनते हुए नजर आ रहे हैं. राजस्थान के शिक्षा संकुल में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है. 

जब गुरुजी ही मुर्गा बन करने लगे विरोध, धरना स्थल पर लगा जमावड़ा, जानें पूरा मामला

Jaipur: विद्यार्थियों को अपने जीवन में सभी बाधाओं को पार करके आगे बढ़ने की सिख देने वाले शिक्षक इस समय अपनी एक मांग को लेकर मुर्गा बनते हुए नजर आ रहे हैं. राजस्थान के शिक्षा संकुल में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला है. जहां पिछले 8 दिनों से अपनी एक मांग को लेकर  धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों की कोई सुनवाई नहीं  हो रही है, जिसके कारण सोमवार को धरने में मौजूद शिक्षकों ने मुर्गा बनकर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश की है. 

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शिक्षकों की मांग है की, सरकार की ओर से लेक्चारों के पदों पर पदोन्नति के सेवा नियमों में जो बदलाव किए हैं, उन्हें तुरंत लागू  करे और  रोकी गई डीपीसी को शुरू किया जाए.  साथ ही शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ भी  दिया जाए.

गौरतलब है कि, शिक्षा विभाग की ओर से 3 अगस्त 2021 को शिक्षा सेवा नियमों में बदलाव करते हुए, व्याख्याता पदों पर पदोन्नति के लिए यूजी और पीजी समान विषय से होने की अनिवार्यता लागू की गई थी. जिसके विरोध में प्रदेश में शिक्षकों ने एक आंदोलन की शुरुआत की थी. 

आंदोलन शुरू होने के बाद शिक्षा विभाग की ओर से साल 2021-22 और 2022-23 की डीपीसी पर रोक लगा दी थी. रोक के बाद कला वर्ग के शिक्षकों ने भी आंदोलन का रास्ता अपनाते हुए, संशोधित नियमों के साथ ही डीपीसी कर पदोन्नति का लाभ देने की मांग को लेकर धरना शुरू किया.

शिक्षकों  के जरिए  दिए जा रहे इस धरने को रविवार को एससी,एसटी,ओबीसी अधिकारी कर्मचारी महासंघ का समर्थन मिला. महासंघ अध्यक्ष रामस्वरूप मीणा ने  धरना स्थल पहुंचकर, अपना समर्थन दिया. इस दौरान रामस्वरूप मीणा ने बताया कि, "सरकार  के जरिए कैबिनेट में लिया गया फैसला बिल्कुल सही है. व्याख्याता पदों पर पदोन्नति लिए यूजी और पीजी समान विषय की जो अनिवार्यता लागू की गई है वो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिहाज से काफी फायदेमंद है. ऐसे में जल्द से जल्द नियमों को लागू करते हुए शिक्षकों को पदोन्नति का लाभ देना चाहिए.

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