महिला प्रताड़ना के झूठे मामले दर्ज कराने वाली महिलाओं के खिलाफ होगी कार्रवाई, महिला आयोग ने 60 मामलों में दिए कार्रवाई के निर्देश
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महिला प्रताड़ना के झूठे मामले दर्ज कराने वाली महिलाओं के खिलाफ होगी कार्रवाई, महिला आयोग ने 60 मामलों में दिए कार्रवाई के निर्देश

महिला आयोग ने 418 ऐसे मामलों को चिह्नित किया है जिनमें महिलाओं ने प्रताड़ना के झूठे मामले दर्ज कराए हैं. आयोग ने इनमें से 60 मामलों में सम्बंधित पुलिस अधीक्षक को कानून के तहत कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं. 

कार्रवाई के निर्देश.

Jaipur: राजस्थान में महिला प्रताड़ना के झूठे मुकदमे दर्ज कराने वाली महिलाओं पर भी अब सख्त कार्रवाई होगी. महिला आयोग ने 418 ऐसे मामलों को चिह्नित किया है जिनमें महिलाओं ने प्रताड़ना के झूठे मामले दर्ज कराए हैं. आयोग ने इनमें से 60 मामलों में सम्बंधित पुलिस अधीक्षक को कानून के तहत कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं. 

418  मामलें जो झूठे पाए गए
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रेयाज ने कहा कि आयोग की जिम्मेदारी पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाना है, लेकिन साथ ही यह भी देखना है कि निर्दोष पुरूषों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो. आयोग ने ऐसे 418  मामलों को चिन्हित किया है जो झूठे पाए गए हैं, इनमें से 60 मामलों में  कार्रवाई करने के लिए राज्य महिला आयोग ने संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं.

पुरुष के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज नहीं करा सके
रेहाना ने कहा कि जिन परिवादों पर परिवादिया ने झूंठे मामले दर्ज कराएं हैं उनमें उनके खिलाफ धारा 182 व 211 दंड भारतीय संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी, ताकि कोई भी महिला किसी भी द्वेष या प्रतिशोध की भावना से किसी भी पुरुष के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज नहीं कराए.  आयोग अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं को न्याय दिलाना आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकता है, लेकिन आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि वह यह देखें जो अधिकार महिलाओं को मिले हैं उनका दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है.

पीड़ित पुरूष की भी मां-बहन-बेटी भी प्रभावित
महिला अध्यक्ष रेहाना रेयाज ने कहा कि संभवत राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य होगा जहां पर झूंठा  मामले दर्ज कराने वाली महिलाओं के खिलाफ भी भारतीय दंड संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी. भारत में ऐसी कभी शुरुआत नहीं हुई कि परिवाद झूंठा पाए जाने पर को कार्रवाई की जाती हो, लेकिन हम यह मानते हैं कि महिला आयोग पुरुषों खिलाफ शिकायत होती है, अगर गलत शिकायत पाई जाती है तो उस पुरुष की मां भी है, उसकी बहन भी है, उस पुरुष की कोई बेटी भी हो सकती है. उनको भी अकारण प्रताड़ना होती है इसलिए महिला आयोग ने निर्णय लिया है कि इस तरह के फर्जी मामलों में इनको सिलेक्ट किया है. उनके ऊपर उल्टा कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके जरिए आयोग उन महिलाओं को कड़ा संदेश देना है जो पुरुषों को जबरन फंसाने का काम करती है.

द्वेष की भावना से किया जाता है परिवाद
रेहाना ने कहा कि कई बार सामने आता है कि किसी के प्रति व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के लिए झूठा मुकदमा दर्ज कराया जाता है या फिर रेवेन्यू के चक्कर में आप कई बार किसी को फंसा रहे है तो उनके उस महिला के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आपसी द्वेष या प्रलोभन के चक्कर में दुष्कर्म या गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराते हैं, उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जाएगी. रियाज ने कहा कि हम अभी और मामलों की भी जांच करेंगे जिनमें झूठी शिकायत दर्ज कराने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. बिना अपराध के किसी को प्रताड़ित किया जाता है या जलील किया है तो उसकी सजा मिलनी चाहिए.

सीएम गहलोत ने कहा था 56 फीसदी झूंठे मामले
बता दें कि NCRB की रिपोर्ट के बाद  मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रेप केसों के बढ़ते मामलों को लेकर अजीब दलील देते हुए कहा था महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 56 फीसदी दर्ज केस झूठे हैं. उन्होंने आगे कहा कि NCRB के आंकड़ों का गलत विश्लेषण कर राजस्थान को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है. 

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गहलोत ने कहा था कि हमारा विपक्ष अफवाह फैलाता है कि रेप हो रहे हैं और अपराध बढ़ गए हैं. उन्हें NCRB रिपोर्ट का एक पैराग्राफ पढ़ने को कहें. यह कहता है कि हर राज्य की अलग-अलग स्थितियां और दृष्टिकोण हैं. यहां अपराध नियंत्रण में है. गहलोत ने आगे कहा कि कौन रेप करता है ? ज्यादातर अपराधी लड़की के रिश्तेदार, परिचित और परिवार होते हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 56% मामलों में झूठे आंकड़े हैं, झूठे केस हैं. हमने कार्रवाई शुरू की है. झूठे मामले दर्ज करने वालों को बख्शा नहीं जाना चाहिए ताकि वे राज्य सरकार और पुलिस को बदनाम करने की हिम्मत ना दिखा सकें.

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