राजस्थान राजस्व सेवा से जुड़े कर्मचारियों ने देर रात अपना आंदोलन वापस लेने का एलान कर दिया है.
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Jaipur: राजस्व कर्मियों के आंदोलन वापस लेने के बाद आम जनता के लिए राहत की खबर है. अब प्रशासन शहरों और गांवों के संग अभियान (Prashasan Shehro Gaav Abhiyan) में जनता से जुड़े सभी राजस्व काम भी हो सकेंगे. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे राजस्थान राजस्व सेवा से जुड़े कर्मचारियों ने देर रात अपना आंदोलन वापस लेने का एलान कर दिया.
मुख्यमंत्री गहलोत (CM Ashok Gehlot) से CMR पर देर रात चर्चा और राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में सरकार ने इन आंदोलनरत कर्मचारियों की कई मांगों पर सहमति जताई और उनके क्रियान्वयन के लिए आदेश जारी किए. वहीं, कुछ मांगों पर परीक्षण के लिए 6 सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. सरकार के इस निर्णय और सहमति के बाद राजस्व सेवा से जुड़े कर्मचारी संगठनों (Employee organizations) ने अपना कार्य बहिष्कार आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर दिया. इसके साथ ही आज से प्रशासन गांवों के संग अभियान में ये कर्मचारी वापस काम पर लौट आए है.
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कई मांगों को लेकर कर रखा था आंदोलन
इस बैठक में इसमें राजस्थान तहसीलदार सेवा संघ, राजस्थान कानूनगों संघ और राजस्थान पटवार संघ के पदाधिकारी शामिल हुए. आपको बता दें कि वेतन विसंगतियों को दूर करने, खाली पदों को प्रमोशन से भरने, पटवारियों का नया कैडर तैयार करने सहित कई मांगों को लेकर प्रदेशभर में पटवारी, गिरदावर, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने आंदोलन कर रखा था. इस दौरान ये सभी कर्मचारी राजस्थान राजस्व सेवा परिषद के बैनरतले जिला मुख्यालयों पर 2 अक्टूबर से धरना दे रहे थे. इस कारण 2 अक्टूबर से शुरू हुए प्रशासन गांवों और शहरों के संग अभियान का भी इन्होंने कार्य बहिष्कार कर रखा था, जिसके कारण आमजन के काम अटके पड़े थे.
मांगों पर विचार करने के लिए बनाई गई कमेटी
वहीं, कई मांगों पर विचार करने और उन पर परीक्षण के लिए प्रमुख शासन सचिव राजव विभाग की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई. इस कमेटी में सदस्य सचिव निबन्धक राजस्व मंडल अजमेर को बनाया गया. वहीं, संयुक्त शासन सचिव कार्मिक, राजस्थान तहसीलदार सेवा संघ, राजस्थान कानूनगों संघ और राजस्थान पटवार संघ के एक-एक पदाधिकारी को सदस्य के तौर पर रखा गया है.
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इन मांगों पर बनी सहमति
-राजस्व विभाग से जारी आदेशों के मुताबिक 5000 नए वरिष्ठ पटवारी के पद बनाए जाएंगे और L-8 पे-स्कैल पर देकर 8 साल की सेवा के बाद भू-अभिलेख निरीक्षक के पद पर पदोन्नति दी जाएगी.
-साथ ही पटवारी से वरिष्ठ पटवारी के पद पर पदोन्नति के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में अनुभव में एक साल की छूट दी जाएगी.
-पटवारी, गिरदावर, नायब तहसीलदार और तहसीलदार के केडर का पुर्नगठन करके आवश्यकतानुसार नये पद सृजित किए जाएंगे.
-राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) कैडर का रिव्यू करके तहसीलदार से RAS के जूनियर स्केल के खाली पड़े पदों को डीपीसी के जरिए भरा जाएगा.
-तहसीलदार के सभी खाली पड़े पदों को जल्द डीपीसी के जरिए भरने और नायब तहसीलदार के खाली पड़े पदों पर गिरदावरों को लगाए जाने पर सहमति बनी.
-कोटा संभाग व सवाई माधोपुर जिलों के राजस्व कर्मचारियों के आंदोलन में शामिल होने के दौरान लगाई गई लीव को उपार्जित अवकाश में तब्दील किया जाएगा. हालांकि इसके लिए एक कमेटी बनाई है, जो इसका पहले परीक्षण करवाएगी, उसी आधार पर किया जाएगा.
-पटवारी और गिरदावरों के ट्रांसफर के लिए अलग से पॉलिसी बनेगी.
-सालाना कार्य का आंकलन पटवारी से लेकर तहसीलदार तक ऑनलाइन किया जाएगा.
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इन मांगों पर विचार के लिए बनाई कमेटी
-नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित अधिसूचित करने के लिए
-नायब तहसीलदार के स्वीकृत सभी पदों पर गिरदावरों की पदोन्नति किए जाने के लिए
-तहसीलदार के स्वीकृत पदों में से 50 फीसदी पर सीधी भर्ती एवं 50 फीसदी पदों पर नायब तहसीलदार व मंत्रालयिक कर्मचारियों की पदोन्नति का वापस अनुपातिक रूप से किए जाने के लिए