घने कोहरे के आगोश में डूबा झालावाड़, विजिबिलिटी 100 मीटर से भी रही कम
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घने कोहरे के आगोश में डूबा झालावाड़, विजिबिलिटी 100 मीटर से भी रही कम

Jhalawar weather:  झालावाड़ जिले में इन दिनों कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है तापमान में पिछले 2 दिनों में हल्की बढ़त के बाद आज देर रात पारा 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. 

कोहरे के आगोश में डूबा झालावाड़

Jhalawar weather:  झालावाड़ जिले में इन दिनों कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है तापमान में पिछले 2 दिनों में हल्की बढ़त के बाद आज देर रात पारा 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, लेकिन अब कड़ाके की ठंड के साथ ही झालावाड़ जिला मुख्यालय सहित झालरापाटन, चौमहला, पिड़ावा और बकानी क्षेत्र में भी घने कोहरे ने मुसीबत बढ़ा दी है.

विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम 
 कोहरे के आगोश में लिपटी सड़कों पर विजिबिलिटी 100 मीटर से भी कम रह गई. ऐसे मे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा और दिन में भी हेडलाइट का उपयोग करना पड़ा. शहर की सभी इमारतें भी धुंध और कोहरे के बीच गुम दिखी. मॉर्निग वॉक पर जाने वाले लोगों की संख्या भी आम दिनों की अपेक्षा कम ही नजर आई.

पारा 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज
 घरों से बाहर निकले लोग भी अलाव ताप कर सर्दी से राहत पाने का जतन करते दिखे. उधर तापमान गिरने के कारण किसानों को भी फसलों पर पाला गिरने की चिंता सताने लगी है. मौसम विशेषज्ञों की माने तो आगामी 2 दिनों में तापमान में और गिरावट दर्ज होगी, ऐसे में आगामी दिनों में आमजन को भारी ठंड का सामना करना पड़ सकता है.

किसानों के लिए कोहरा फायदेमंद
तो वहीं किसानों के लिए कोहरा फायदेमंद साबित हो रहा है. कोहरे के साथ ओस की बूंदें गिरने के कारण इस बार किसानों की ने अपने खेतों में बोई गई रबी की फसल को सिंचाई की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ेगी और साथ ही  उपज भी ज्यादा होगी. भीलवाड़ा कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर इंदर सिंह संचेती का मानना है कि कोहरे से जमीन में नमी बनी रहती है और फसलों में फुटान ज्यादा होती है, जिसके कारण पौधा बड़ा होता है. कोहरे से फसलों में अच्छा उत्पादन होगा.

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