Kargil war: शेखावाटी में सेना में जाने का ऐसा जुनून, सुबह 4 बजे दौड़ लगाते हैं युवा

Kargil war 25th Anniversary: 25 साल पहले जब कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने रगिल की चोटियों से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ा था.राजस्थान के शेखावाटी के लाडलों का देश के प्रति जिम्मेदारी और प्रेम चीखं-चीखं कर बोलता है

Kargil war: शेखावाटी में सेना में जाने का ऐसा जुनून, सुबह 4 बजे दौड़ लगाते हैं युवा

Kargil war 25th Anniversary: 25 साल पहले जब कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने रगिल की चोटियों से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ा था,तो पूरे देश का सीना गर्व चौड़ा हो गया था. 26 जुलाई यानी कल कारगिल युद्ध की 25 वी वर्षगांठ है.

राजस्थान के शेखावाटी के लाडलों का देश के प्रति जिम्मेदारी और प्रेम चीखं-चीखं कर बोलता है. यहां के नौजवानों का देश सेवा के लिए जज्बा सुबह चार बजे से उठकर दौड़ने लगता है.

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राजस्थान के सीकर, झुंझुनूं और चूरू के  32 जवानों ने देश के लिए करगिल युद्ध में जान दी थी. शेखावाटी का ज्जबा इसी से देखा जा सकता है कि करगिल युद्ध के बाद 186 और जवान शहीद हो चुके हैं.

ये गर्व पूरे राजस्थान के साथ पूरे देश के लोगों के दिल में भी  है.सीकर, झुंझुनूं, चूरू के युवा पूरे देश के लिए मिसाल है.झुंझुनूं जिले का भिर्र गांव देश प्रेम का सबसे बड़ा उदाहरण है,यहां कुल 900 घर हैं और इस गांव से देश के लिए अभी तक 2230 से ज्यादा फौजी दे चुका है. यहां दादा से लेके पोते तक सभी देश सेवा में लगे हुए है.

इस समय भी शेखावाटी के नौजवानों के खून में सैनिक बनने के जुनून दिखता है. यहां के नौजवान सुबह 4 बजे से ही उठकर दौड़ते है. जानकारी के मुताबिक, करगिल युद्ध के बाद झुंझुनूं के 102, सीकर के 57 और चूरू के 27 जवान शहीद हो चुके हैं.

कल पुरा देश को फिर से 25 पुरानी घटना याद आएगी,कईयों के आंखे फिर नम हो जाएगी,तो कईयों के सीने गर्व से चौड़े हो जाएंगे. देश में अग्निवीर योजना लागू हुए करीब दो साल बीत चुके हैं.

शेखावटी के युवाओं में इस प्रकार का जुनून है कि 4 साल की नौकरी होने के बाद सुबह 4 बजे से रोड़ो पर दौड़ता है.शेखावाटी के रोड़ो पर सुबह 4 बजे से युवाओं का हुजुम देखने को मिलता है.

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