खेतड़ी: रवां गांव की दो महिलाओं और 14 पुरुषों ने राष्ट्रीय स्तर पर खेला हॉकी, लहराया परचम
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खेतड़ी: रवां गांव की दो महिलाओं और 14 पुरुषों ने राष्ट्रीय स्तर पर खेला हॉकी, लहराया परचम

रवां गांव हॉकी खेल के मामले में पहचान का मोहताज नहीं रहा है. गांव में कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हो चुके हैं और हॉकी खेल कोटे से गांव के एक युवक ने नौकरी भी प्राप्त की है.

खेतड़ी: रवां गांव की दो महिलाओं और 14 पुरुषों ने राष्ट्रीय स्तर पर खेला हॉकी, लहराया परचम

Khetri: झुंझुनूं के खेतड़ी उपखंड का रवां गांव हॉकी खेल के मामले में पहचान का मोहताज नहीं रहा है. गांव में कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हो चुके हैं और हॉकी खेल कोटे से गांव के एक युवक ने नौकरी भी प्राप्त की है. यह सब अचानक नहीं हुआ है यह 15 साल की छात्र-छात्राओं की मेहनत का परिणाम है. 

2007 से पहले गांव में हॉकी को कोई नहीं जानता था, लेकिन जब 2007 में शारीरिक शिक्षक उमेश कुमार स्वामी ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पदभार ग्रहण किया तो उन्होंने मेजर ध्यानचंद की हॉकी की कला और राष्ट्रीय खेल होने के मद्देनजर रखते हुए छात्र-छात्राओं को हॉकी खिलाना शुरू किया. वहीं, 15 साल के दौरान रवां गांव हॉकी की नर्सरी बन गया है और राष्ट्रीय स्तर तक इस गांव के खिलाड़ियों ने अपने नाम और गांव का परचम लहराया है. गांव में खेल के प्रति इतना जुनून है कि छोटे-छोटे नन्हे मुन्ने हाथों में हॉकी की स्टिक लेकर गांव से गुजरते हैं, तो नजारा किसी पंजाब के गांव से कम नहीं लगता है. 

पीटीआई उमेश कुमार स्वामी ने बताया गांव में हॉकी की लोकप्रियता नहीं थी. पहले कबड्डी, वॉलीबॉल, फुटबॉल ही अधिक खेलते थे और हॉकी को कोई नहीं जानता था.  शारीरिक शिक्षक चंद्रभान की प्रेरणा से जब छात्र-छात्राओं को हॉकी खिलाना शुरू किया, तो मैदान भी उबड़-खाबड़ था. खिलाड़ियों को स्टीक भी नहीं पकड़नी नहीं आती थी और संसाधन भी नहीं थे.  

छात्र नंगे पैर तक खेलने को मजबूर हुए, लेकिन एक मन में जिद्द और जुनून था कि गांव में राष्ट्रीय खेल हॉकी के खिलाड़ियों को तैयार करने की. शुरुआत में छात्रों को भी खेल अटपटा लगा, लेकिन लगातार अभ्यास और मेहनत रंग लाई और 2007 में ही जिला स्तर पर प्रथम और गांव की पूरी टीम राज्य स्तर पर द्वितीय स्थान प्राप्त किया . वहीं, एक खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर भी खेल कर आया. फिर तो छात्र-छात्राओं में और गांव के लोगों का हॉकी खेल के प्रति रुझान बढ़ता गया. 

गांव के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर भी बनाई है पहचान
रवां गांव की छात्र-छात्राओं ने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी धाक जमाई है. अभी तक 14 छात्र व दो छात्राएं राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुकी है, जबकि सैकड़ों छात्र राज्य स्तर पर खेल चुके हैं. राष्ट्रीय स्तर पर छात्राओं में ममता अवाना और पूजा मीणा खेल चुकी है. छात्रों में कपिल, दीपक, विक्रम, मोहित, पवन, हरीश, भूप सिंह, गौतम, अजय, पुष्पेंद्र, रवि दत्त, सरजीत और शुभम ने खेला है. 

हॉकी खिलाड़ी को खेल कोटे से मिली है नौकरी
रवां गांव के पुष्पेंद्र ने हॉकी में दो बार राष्ट्रीय स्तर पर खेल कर अपनी धाक जमाई है. सरकार ने उन्हें हॉकी खेल कोटे से राजस्थान पुलिस में एएसआई के पद पर नौकरी प्रदान की है. वर्तमान में वह जयपुर में रहकर हॉकी का अभ्यास कर रहे हैं. हॉकी के अन्य खिलाड़ियों में सचिन, जांगिड़ और आशीष भारतीय नौसेना में और मोनू जांगिड़ सेना में हॉकी के खिलाड़ी के रूप में कार्यरत है. 

खिलाड़ियों को आश्वासन नहीं मदद की दरकार
रवां गांव के खिलाड़ियों में हॉकी के प्रति जज्बा और जुनून तो है, लेकिन संसाधनों का अभाव हमेशा रहता है. सीएम सलाहकार और विधायक डॉ जितेंद्र सिंह ने डेढ़ लाख रुपये खिलाड़ियों के सामान और किट के लिए स्वीकृत किए हैं. इसी तरह अन्य जनप्रतिनिधि और भामाशाह आगे आकर हॉकी के खिलाड़ियों की मदद करें, तो कई खिलाड़ी भारतीय टीम का हिस्सा बन सकते हैं. 

खिलाड़ियों ने हॉकी एकेडमी बनाने की मांग
रवां गांव के खिलाड़ियों ने सरकार से रवां गांव में हॉकी एकेडमी बनाने की मांग की है. उन्होंने बताया अगर एकेडमी बनती है, तो मैदान में एस्ट्रोटर्फ भी लगेगा, खिलाड़ियों को पूरे संसाधन मिलेंगे इसलिए जल्द एकेडमी बनाने की स्वीकृति जारी करने की मांग की है. 

Reporter- Sandeep Kedia 

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