रूसी सेनाओं (Russia Ukraine War) द्वारा लगातार कीव शहर पर अटैक के बाद कुणाल जोशी (Kunal Joshi) के परिजनों की चिंताएं लगातार बढ़ रही थी. ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत कुणाल जोशी जयपुर (Jaipur News) से चनाना गांव पहुंचे.
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Jhunjhunu: रूसी सेनाओं (Russia Ukraine War) द्वारा लगातार कीव शहर पर अटैक के बाद कुणाल जोशी (Kunal Joshi) के परिजनों की चिंताएं लगातार बढ़ रही थी. ऑपरेशन गंगा अभियान के तहत कुणाल जोशी जयपुर (Jaipur News) से चनाना गांव पहुंचे. चनाना गांव पहुंचने पर कुणाल जोशी का माला पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत किया गया.
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कुणाल जोशी ने बताया कि वह इवानो की नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत है और पश्चिमी यूक्रेन (Ukraine) में रहते हैं. यहां युद्ध का असर ज्यादा नहीं था, मगर माहौल अच्छा नहीं था. भारत सरकार (Modi Government) द्वारा मेडिकल स्टूडेंट के लिए वतन वापसी के सार्थक प्रयास किए गए, जिसके बलबूते पर ही हम घर वापस लौट सके, वहां का माहौल अच्छा नहीं था, यूनिवर्सिटी की हठधर्मिता के कारण कॉलेज नहीं छोड़ पा रहे थे.
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कुणाल ने आगे बताया कि कॉलेज प्रशासन माहौल खराब होने के बावजूद भी उन्हें वतन लौटने की अनुमति नहीं दे रहा था. माहौल लगातार खराब होता जा रहा था, स्थिति बड़ी भयावह थी. परेशानियों का सामना करते हुए बॉर्डर क्रॉस का रोमानिया (Romania) पहुंचे. वहां शेल्टर होम से उन्हें रिसीव कर दिल्ली (Delhi News) लाया गया. दिल्ली में राजस्थान सरकार (Gehlot Sarkar) द्वारा अच्छी व्यवस्था ही थी. उन्हें राजस्थान भवन से घर तक छोड़ने के लिए टैक्सी मुहैया करवाई गई. सकुशल अपने साथियों के साथ झुंझुनूं लौटे. झुंझुनूं से होते हुए गांव पहुंचे. गांव पहुंचने पर कुणाल के परिजनों ने राहत की सांस ली.
Report- Sandeep Kedia