अधिकारियों ने ना केवल ठेकेदारों से मिलीभगत कर इन वर्क आर्डर पर नियम विरुद्ध कार्य करवा कर या फिर यूं कहें कि आधा अधूरा काम करवाने के बावजूद भी सरकारी राशि का गबन किया है.
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Jodhpur: भारत संचार निगम वैसे तो आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा हैं. अगर यहां बैठे जिमेदार ही इस निगम को खाने लग जाएं तो इसमे सुधार कैसे होगा. कुछ ऐसा ही भ्रष्टाचार का मामला दूरसंचार निगम में सामने आया है. उप महाप्रबंधक नेटवर्क दूरसंचार परियोजना जोधपुर और उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों से मिलीभगत कर ना केवल यहां भ्रष्टाचार किया गया बल्कि भारत संचार निगम को करोड़ों रुपए की चपत लगा दी.
दूरसंचार परियोजना के मंडल अभियंता जोधपुर बीकानेर उदयपुर में पाथ वर्क, रेहब्लिलेशन वर्क ओटीएन ओएफसी रुट वर्क टेंडर में इन मंडलों में ठेकेदारों द्वारा करवाए गए कार्यों में मिलीभगत कर करोड़ों रुपए के गबन के आरोप अब उप महाप्रबंधक दूरसंचार परियोजना किशनलाल पर लग रहे हैं. इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और संचार मंत्री तक की गई है. हालांकि यह जांच का विषय है. इस पूरे मामले में कितने करोड़ों का इन अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से निगम को चुना लगाया गया है.
यही नहीं अधिकारियों ने ना केवल ठेकेदारों से मिलीभगत कर इन वर्क आर्डर पर नियम विरुद्ध कार्य करवा कर या फिर यूं कहें कि आधा अधूरा काम करवाने के बावजूद भी सरकारी राशि का गबन किया है. इसके साथ बीएसएनल के स्टोर को भी बेच कर उससे गबन की बात सामने आई है. साथ ही जीआई पाइप से लेकर स्प्लिसिंग मशीन ओटीडीआर जैसे कीमती सामान भी बेचने से नहीं चूके हैं.
दूर संचार निगम में मेसर्स मार्बल लाइट इंडिया जोधपुर को खेरवाड़ा बिछीवाड़ा 24 एफ पाथ वर्क ओटीएन ओएफसी रूट के एक करोड़ दस लाख 48 हजार का बिल पास कर दिया गया. जबकि ,इस कार्य को एमबी में 19800 मीटर की जगह 20800 मीटर बता कर करीब एक हजार मीटर का फर्जी तरीके से भुगतान कर दिया गया.
यही नही ट्रेंच की गहराई यानि केबल डालने के लिए 130 सेंटीमीटर खुदाई की शर्त टेंडर में थी, जबकि वास्तविक रूप से इस कार्य में केवल ट्रेंच की गहराई 30 सेंटीमीटर तक होने के बावजूद अधिकारियों की मिलीभगत से 130 सेंटीमीटर की टेंडर शर्त का उल्लंघन कर केवल 30 सेंटीमीटर होने के बावजूद 130 मीटर गहराई का भुगतान कर लाखों रुपये का निगम को चुना लगाया गया.
इसी तरह सिरोही पिंडवाड़ा सहित तीनों मंडल में इस तरह के कार्य मे उक्त अधिकारियों ने ठेकेदार से मिलीभगत कर निगम को करोड़ों की चपत लगा दी. अब निगम के ही कर्मचारी ने इसकी आवाज उठाई तो उल्टा उसके खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दबाव बना दिया. अब इस मामले में कर्मचारी ने पीएमओ, दूर संचार मंन्त्री को शिकायत भेजकर पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है.
Reporter- Bhawani Bhati
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