साइंस से बैचलर (Science science bachelor) कर रही पीनल बनेगी साध्वी (vestal), लेने जा रही दीक्षा. पीनल के पिता गर्व से फूले नहीं समा रहे हैं. वे शहर के लाने-माने इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी हैं.
Trending Photos
Pali: बीएससी फाइनल ईयर में पढ़ाई कर रही 21 साल की पीनल 14 फरवरी को दीक्षा लेगी. 21 वर्ष की पीनल लोढ़ा की शुरू से ही धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने में रुचि थी. जैन साधु-संतों को देखती थी. उनके प्रवचन को ध्यान से सुना करती थी. करीब 7 साल पहले पीनल ने दीक्षा लेने का निर्णय लिया था. अब वह समय आ गया है. इसमें परिवार वाले भी साथ हैं. पिता मनोज लोढ़ा शहर के जाने-माने इलेक्ट्रॉनिक व्यापारी हैं. पाली के देवजी बास की रहने वाली पीनल की विदाई की तैयारी में घरवाले जुट गए हैं.
ये कहते हुए पिता की भर आई आंखें
पीनल 14 फरवरी को गुजरात के शंखेश्वर तीर्थ में दीक्षा लेगी. मनोज लोढ़ा ने बताया कि बेटी दीक्षा लेकर जीवन भर के लिए उनसे दूर चली जाएगी. वापस इस घर में बेटी बनकर नहीं आएगी. उसकी शादी में जितना खर्च करने का सोचा था, उससे कहीं ज्यादा दीक्षा समारोह में खर्च करूंगा.
पीनल बोली- परिवार ने इच्छा का किया सम्मान
पीनल ने बताया कि उसका शुरू से ही धार्मिक कार्यक्रमों व धार्मिक ग्रंथों को पढ़ने में मन लगा रहता था. जैन संतों की बातों को सुनकर अहसास होता था कि हम इस सांसारिक मोह माया में फंस गए हैं. उनके मन में आया, जीवन का उद्धार ऐसे नहीं होगा. वह प्रभु महावीर के स्मरण से ही संभव है. ऐसे में वैराग्य जीवन जीने का मन मना लिया था. उन्होंने बताया कि करीब 7 साल पहले अनुभव स्मारक में साध्वी आगमरक्षा के दर्शन के दौरान यह भाव आए. इसके बाद दीक्षा लेने का दृढ़ निश्चय कर लिया था. अपनी इच्छा मम्मी सीमा और पापा मनोज लोढ़ा को बताई. परिवार ने पीनल की इच्छा का सम्मान किया.पाली निवासी पीनल के दीक्षा समारोह को लेकर हर रस्म धूमधाम से आयोजित की जा रही है.
यह भी पढ़ें: शख्स ने कहा-अपनी कार साइड कर दो...बात नहीं मानी तो कर दी बेरहमी से हत्या
शहर में धूमधाम से निकाला वरघोड़ा
अभी तक पीनल का वरघोड़ा 3 बार निकाला जा चुका है. जैन समाज के लोग उनसे मिलने घर पहुंच रहे हैं. परिवार व रिश्तेदार भी दीक्षा समारोह को भव्य बनाने में जुटे हैं. दीक्षा महोत्सव में पाठ बिठाना, कपड़ा रंगना, वरघोड़ा, जैन धर्मस्थलों की यात्रा करने जैसे कई कार्यक्रम होते हैं. पीनल परिवार के साथ अभी तक जैन समाज के प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन कर चुकी हैं.
बचपन से ही धार्मिक कार्यक्रमों में रही रूचि
मनोज लोढ़ा की दो बेटियां हैं. पीनल व मानसी. पीनल की मां सीमा लोढ़ा ने बताया कि पीनल बचपन से ही धार्मिक कार्यक्रमों में ज्यादा रुचि रखती थी. पीनल के दादा राजेन्द्र लोढ़ा तपागच्छ संघ के ट्रस्टी हैं. पीनल पढ़ाई में भी होशियार है. इस बीच दीक्षा लेने की प्रबल इच्छा होने पर पढ़ाई छोड़ दी.
Reporter: Subhash Rohishwal