सरपंच ( Sarpanch ) ग्रामीण भारत में विकास की महत्वपूर्ण कड़ी है. ऐसे में अगर वो गड़बड़ी करें तो सरपंच के खिलाफ शिकायत कैसे करें. मनरेगा विकास कार्यों की जानकारी कैसे लें. Online my plan क्या है और plan plus पर गांव के विकास कार्यों की जानकारी लेने के साथ Online rti Apply कर जानकारी कैसे जुटाएं
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ग्रामीण भारत में विकास की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सरपंच ( Sarpanch ) के साथ साथ पटवारी और ग्राम सेवक पर होती है. लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई ग्राम सभा है. किसी भी ग्राम पंचायत में विभिन्न योजनाओं से जब विकास के कार्य होते है. तो जहां ग्राम सेवक/ ग्राम विकास अधिकारी सरकारी अधिकारी होता है. तो सरपंच उस गांव की जनता का प्रतिनिधि होता है. लेकिन अगर सरपंच ही विकास के कार्यों में गड़बड़ी करें. तो उन्हैं कैसे पकड़ें, उस गड़बड़ी को पकड़ने के बाद सरकार तक उसकी शिकायत कैसे पहुंचाएं. आज उसी प्रक्रिया के बारे में बताएंगे.
किसी भी सरपंच या ग्राम सेवक की शिकायत करने के लिए सबसे पहले आपको उसके खिलाफ सबूत जुटाने होंगे. इसके अलावा सरपंच के खिलाफ शिकायत करने के लिए आपको उसी ग्राम पंचायत का नागरिक होना अनिवार्य है. विकास कार्यों में गड़बड़ी के सबूत जुटाने के कई ऑनलाइन तरीके भी है. आप www.Planplus.gov.in वेबसाइट की भी मदद ले सकते है. यहां ग्राम पंचायत में सरपंच/प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी/ ग्राम सेवक द्वारा कराए गए कार्यों का ऑनलाइन विवरण और उसके भुगतान का ब्यौरा मिल जाएगा.
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ऑनलाइन www.Planplus.gov.in पर पर्याप्त सबूत नहीं मिलते है. तो आप RTI की मदद भी ले सकते है. सूचना के अधिकार के तहत आप Online RTI Apply कर सकते है. जिसमें 30 दिनों के भीतर आपको जानकारी मिल जाएगी. अब तक आपके पास जो सबूत इकट्ठा हुए है. इन दस्तावेजों की एक फाइल तैयार कर लें. और गांव के कुछ लोगों को साथ लेकर या अकेले ही जिला कलेक्टर से जाकर मिलें.
कलेक्टर से मिलने से पहले आपको एक प्रार्थना पत्र Application लिखनी होगी. जिसमें सरपंच पर गड़बड़ी के आरोप हो. उस एप्लीकेशन के साथ ऑनलाइन निकाले गए और आरटीआई से मिले सबूतों को भी अटैच कर लें. इसके अलावा साथ में आपको आधार कार्ड भी ले जाना होगा. ताकि ये स्पष्ट हो कि आप उसी ग्राम पंचायत के नागरिक हैं. जब आप इस शिकाय के साथ कलेक्टर के सामने पेश होंगे. जिलाधिकारी को पूरी बात विस्तार से बताएं और उससे जुड़े सबूत भी दिखाएं. अगर कलेक्टर आपकी बातों से सहमत हो गए तो वो इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित करेंगे.
इस कमेटी में चार अधिकारी होंगे. जिला पंचायत राज अधिकारी यानि DPRO होंगे. इसके अलावा जिला पंचायत अधिकारी यानि DPO भी होंगे. ब्लॉक स्तर पर ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर यानि बीडीओ होंगे. इसके अलावा इस कमेटी में सहायक विकास अधिकारी यानि ADO भी होंगे.
ये कमेटी आपके गांव में आएगी और जांच करेगी. जिन विकास कार्यों में गड़बड़ी के आपने आरोप लगाए होंगे उन कार्यों की पड़ताल करेगी. कमेटी कई बार भौतिक सत्यापन के लिए निरीक्षण भी करेगी. आपके गांव के लोगों से भी जानकारी लेगी. इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयाकर करेगी. और ये रिपोर्ट जिलाधिकारी के सामने पेश करेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी ये फैसला लेंगे कि आपकी शिकायत सही है या नहीं. अगर शिकायत सही है तो नियमानुसार सरपंच या ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होती है.
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