Rakshabandhan 2023 : रक्षाबंधन का पर्व प्रतिवर्ष श्रावण की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस बार 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार तिथि (14) व्रत-पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन भद्रा का वास मृत्युलोक में है. शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन को हमेशा भद्रा के बाद किया जाना चाहिए. भद्रा में रक्षाबंधन को वर्जित बताया गया है.
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Rakshabandhan 2023 : रक्षाबंधन का पर्व प्रतिवर्ष श्रावण की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस बार 30 अगस्त 2023 दिन बुधवार तिथि (14) व्रत-पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन भद्रा का वास मृत्युलोक में है. शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन को हमेशा भद्रा के बाद किया जाना चाहिए. भद्रा में रक्षाबंधन को वर्जित बताया गया है.
भद्रा किसे कहते हैं ?
हिंदू पंचांग के पांच अंग होते हैं, ये पांच अंग हैं- तिथि, वार ,नक्षत्र, योग और करण. इन्हीं 5 अंगों की गणना को पंचांग कहते हैं. जिब विष्टि नाम का करण बता है तो इसे भद्रा कहा जाता है.
शुक्ल पक्ष की अष्टमी और पूर्णिमा तिथि को पूर्वार्द्ध और चतुर्थी के साथ एकादशी तिथि को उत्तरार्द्ध की भद्रा होती है. वहीं कृष्ण पक्ष की तृतीया और दशमी तिथि को उत्तरार्द्ध के साथ ही सप्तमी-चतुर्दशी तिथि को पूर्वार्द्ध की भद्रा (विष्टि करण) कहा जाता है. शास्त्रों के बताया गया है भद्रा में रक्षासूत्र ना बांधा जाए.
रक्षाबंधन 2023 के दिन कब है भद्रा
दिनांक 30 अगस्त 2023, दिन बुधवार को भद्रा का उदय अपरान्ह 10:59 पर हो रहा है और भद्रा अस्त रात 09:02 मिनट पर हो रही है. इस दिन चन्द्रमा सुबह 9:57 मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे और भद्रा के उदयकाल समय में चंद्रमा के कुंभ राशि में होने के चलते भद्रा का वास मृत्युलोक में रहेगा. इसलिए रक्षाबंधन भद्रा के उदय से पहले या फिर भद्रा के मुखभाग की पांच घटी यानि की 2 घंटे बीत जाने के बाद ही शुभ चौघड़िया में करना चाहिए.
रक्षाबंधन 2023 का राहुकाल
30 अगस्त 2023 को मध्यान्ह 12:20 से 1:54 तक राहुकाल रहेगा और प्रात: 10:19 मिनट से पंचक शुरू होंगे.
रक्षाबंधन 2023 का शुभ मुहूर्त
अत्यंत शुभ मुहूर्त -प्रात: 06 से 09 बजे तक (भद्रा एवं पंचक उदय से पूर्व)
शुभ-मंगलकारी मुहूर्त- मध्यान्ह 3:30 से 6:30 बजे तक (भद्रा के मुख काल की 5 घटी पश्चात्) यानि दो घंटे के बाद
प्रदोषकाल : सायंकाल 5:00 बजे से 6:30 बजे तक