रणथंभोर वन्यजीव अभ्यारण्य से पांच दिन पूर्व निकले युवा नर टाइगर के भरतून-चूली डांग क्षेत्र के लालपुर उमरी के जंगलों में गुरुवार की रात्रि को भैंस का शिकार करने के दौरान कैमरे में कैद हो गया है. जिसकी पहचान टाइगर टी-136 के रूप में हुई है.
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सपोटरा: क्षेत्रीय वन अधिकारी विक्रम सिंह मीणा ने बताया कि रणथंभोर अभ्यारण्य से निकले टाइगर 136 का मूवमेंट सोमवार से ही सपोटरा क्षेत्र में बना हुआ है. जबकि चार दिन से टाइगर ग्राम पंचायत भरतून और गंगापुर सिटी के चूली डांग क्षेत्र के लालपुर उमरी के जंगलों में विचरण कर रहा है. जिसके द्वारा रात्रि को एक पालतू भैंस का शिकार करना पाया गया है. कैलादेवी वन्यजीव अभ्यारण्य के उपवन संरक्षक भाकर के निर्देश पर लगाए गए कैमरों में टाइगर की भैंस का शिकार करते हुए उसका फोटो ट्रेप कैमरे में कैद हुआ है. जिसकी पहचान फील्ड और बायोलॉजिस्ट मिराज खां ने टी-136 के रूप में की गई है.
शुक्रवार को टाइगर 136 का मूवमेंट भरतून सीमा से सटे लालपुर उमरी के जंगलों में होना पाया गया है. जिसके लिए कैलादेवी,रणथंभोर और नैनियाकी बफर और सामाजिक वानिकी सपोटरा व गंगापुर सिटी की टीमों द्वारा टाइगर की मॉनिटरिंग की जा रही है.
रणथंभोर अभ्यारण्य से कैलादेवी वन्यजीव अभ्यारण्य में बाघों के आने जाने का गलियारा बना हुआ है, लेकिन रणथंभोर अभ्यारण्य में बाघों की बढ़ती तादाद से एक दशक से अधिक समय से सपोटरा क्षेत्र के कैलादेवी अभ्यारण्य की वादिया रास आ रही है. जिसके चलते कैलादेवी अभ्यारण्य में युवा टाइगर टी-136 की सपोटरा के भरतून जंगल और मादा टाइग्रेस टी-138 की घंटेश्वर के जंगलों में अपनी दस्तक दे रहे हैं. बताया जाता है कि टाइगर टी-80 तूफान टाइग्रेस वर्षा टी-118 अपने दो युवा टाइगरों के साथ कैलादेवी अभ्यारण्य में विचरण कर चुके है. जिनकी निगरानी में अलग-अलग टीम गठित कर जंगल में एक दर्जन ट्रेप कैमरे लगाए गए हैं.
कैलादेवी अभ्यारण्य से सटे सामाजिक वानिकी के क्षेत्र भरतून में वर्ष 2009 में टी-47 मोहन और वर्ष 2016 में टी-80 तूफान दस्तक दे चुके है. जिसमें टी-47 मोहन ने भरतून के काली घाटी में गाय का शिकार किया था. मंगलवार से चार दिन से टाइगर टी-136 भरतून-चूली डांग क्षेत्र में विचरण कर रहा है. जिसने रात्रि को भैंस का शिकार किया है. उल्लेखनीय है कि रणथंभोर से निकलकर सपोटरा क्षेत्र की वादियों और कैलादेवी अभ्यारण्य में आ रहे टाइगरों का जंगल रास आ रहा है.
उपवन संरक्षक रामानंद भाकर ने बताया कि पांच दिन से सपोटरा क्षेत्र के जंगलों में विचरण कर रहे टाइगर की पहचान टी-136 के रूप में हुई है. जिसका मूवमेंट भरतून-लालपुर उमरी के जंगलों में बना हुआ है.
Reporter- Ashish Chaturvedi
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