Baran: हजारों टन राख के नीचे दबी मजदूर की जिंदगी, 4 दिन से रेस्क्यू कार्य जारी
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Baran: हजारों टन राख के नीचे दबी मजदूर की जिंदगी, 4 दिन से रेस्क्यू कार्य जारी

थर्मल की टीम एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीमों और बाहर से मंगाई गई पोकलेन मशीन द्वारा जटिल लोहे को काटकर अलग किया जा रहा है. 

युवक अब भी हजारों टन राख के नीचे दबा हुआ है.

Baran: राजस्थान के बारां (Baran News) के छबडा में थर्मल पावर प्लांट (Thermal Power Plant) हादसें के बाद राख में दबे हुए मजदूर का चौथे दिन बाद भी कोई सुराग नहीं निकाल पाया है. रेस्क्यू कार्य जारी है युवक अब भी हजारों टन राख के नीचे दबा हुआ है. 

छबडा मोतीपुरा थर्मल में गुरुवार रात्रि को ईएसपी गिर जाने से राख खाली करने के दौरान दबे मजदूर दिनेश मेहता का 4 दिन बीत जाने के बाद भी सुराग नहीं लगा है. दबे मजदूर दिनेश मेहता के परिजन घटना स्थल पर ही रेस्क्यू के दौरान मौजूद है और आस लगाए है कि दबे दिनेश का कुछ पता लग जाए और वह सकुशल बाहर आ जाए. 

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थर्मल की टीम एनडीआरफ और एसडीआरएफ की टीमों और बाहर से मंगाई गई पोकलेन मशीन द्वारा जटिल लोहे को काटकर अलग किया जा रहा है ताकि दिनेश मेहता को सकुशल बाहर निकाला जा सके. लगातार युद्ध स्तर पर रेस्क्यू का काम जारी है. 

थर्मल के अधिकारियों द्वारा लगातार रेस्क्यू चलाकर दबे दिनेश मेहता तक पहुंचने का काम किया जा रहा है. साथ हीं, पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी रेस्क्यू पर बराबर नजर बनाए हुए है.

होपर टूट कर गिर जाने से उसमे भरी हजारों टन से ज्यादा गर्म राख की चपेट में आने से दिनेश मेहता उसकी चपेट में आ गया था और दब गया था. वहीं, इसके साथ तीन मजदूर भी झुलस गए थें जिनका कोटा में उपचार चल रहा है. 

Reporter- Ram Mehta

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