संयुक्त टीम ने मंगलवार एवं बुधवार को ई-मित्र केन्द्रों का अचानक निरीक्षण कर पाया कि ई-मित्र संचालकों ने आमजन से ई-मित्र सेवाओं के लिए राज्य सरकार के जरिए तय दरों से अधिक राशि वसूली की जा रही है.
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RamganjMandi: ई-मित्र केन्द्र संचालकों को अधिक राशि वसूलने का मामला सामने आया है. रामगंजमण्डी के 9 ई-मित्र केन्द्रों पर इस अनियमितता के करण 15-30 दिनों के लिए केन्द्र संचालकों को सस्पेंड करते हुए 1000 -1000 रूपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले की जांच कर रहे उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा ने बताया कि, ई-मित्र धारकों ने ई-मित्र केन्द्रों पर आमजन से ई-मित्र सेवाओं के लिए राज्य सरकार के जरिए तय की गई दरों से अधिक राशि वसूल की जाने के शिकायतें लगातार प्राप्त हो रही थी. इन पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए रामगंजमण्डी समेत अन्य जगहों खैराबाद, मोडक, चेचट, सातलखेडी, सुकेत में ई-मित्र केन्द्रों का निरीक्षण करने के लिये सूचना विभाग एवं राजस्व विभाग की संयुक्त टीम का गठन सोमवार को किया गया.
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संयुक्त टीम ने मंगलवार एवं बुधवार को ई-मित्र केन्द्रों का अचानक निरीक्षण कर पाया कि ई-मित्र संचालकों ने आमजन से ई-मित्र सेवाओं के लिए राज्य सरकार के जरिए तय दरों से अधिक राशि वसूली की जा रही है. जिसकी सूचना टीम ने उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा को दी. उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा ने प्रभावी कार्रवाई एवं रोकथाम के लिए सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार विभाग के साल 2019 के आदेशानुसार ई-मित्र धारकों पर कार्रवाई करते हुयए ई-मित्र केन्द्रों को 15 दिनों के लिये बंद कर दिया. साथ ही उन पर 1000 रु के शास्ति आरोपित की गई. जिसमें मंयक धाकड, दिलीप सिंह, पाटीदार ई-मित्र सेवा केन्द्र, मो.आसिफ खान, संजीव गौत्तम, उदित चतुवेर्दी, दीपक कुमार शर्मा, मुकेश कुमार ई-मित्र संचालकों पर कार्रवाई की गई.साथ ही ई-मित्र संचालक राहुल विश्वकमार ई- काटर्स टेक्नोलॉजी लोजी प्रा0लि0 ने ई-मित्र सेवाओं के लिए राज्य सरकार के जरिए तय दर से अधिक राशि वसूलने की अनियमितता दोबारा ने हो इसके फलस्वरूप सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार विभाग के आदेश साल 2019 के अनुसरण में ई-मित्र केन्द्र को 30 दिनों के लिये निष्क्रिय किया गया.
क्या है कानून
उपखण्ड अधिकारी राजेश डागा ने बताया कि राज्य सरकार की विभिन्न प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिये आवेदन आनलाईन करने के बदले में तय राशि से अधिक राशि वसूल की जाती है, तो ई-मित्र संचालक के विरूद्व सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार विभाग के आदेश साल 2019 के अनुसार निम्न प्रकार से शास्ति आरोपित कर ई-मित्र को निष्क्रिय किये जाने का प्रावधान किया गया है.
पहली बार शिकायत प्राप्त होने पर ई-मित्र केन्द्र को 07-15 दिवस के लिये निष्क्रिय (Suspend) कर 1000-5000 रूपये का जुमार्ना लगाया जाने का प्रावधान है.
दूसरी बार शिकायत को दैहराने पर ई-मित्र केन्द्र को 15-30 दिवस के लिये निष्क्रिय ( Suspend) कर 10000-50000 रूपये का जुमार्ना लगाया जाने का प्रावधान है.
तीसरी बार शिकायत प्राप्त होने पर ई-मित्र केन्द्र को स्थायी रूप से बंद कर ब्लैक लिस्ट कर सकते हैं.
Reporter: Himanshu Mittal