Kota : राजस्थान के कोटा के रामगंजमंडी में विकास शुल्क की राशि के गबन का मामला सामने आया है. एग्रीमेंट 2015 20-21 में ही खत्म हो गया था. उसके बाद भी ग्राम विकास अधिकारी और सरपंच ने नया एग्रीमेंट नहीं करवाया है.
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Kota : राजस्थान के कोटा जिले की ग्राम पंचायत चेचट के उपसरपंच ओम तंवर ने चेचट सरपंच कृष्णा माली और माइंस एशोसिएशन अध्यक्ष सर्वजीत सिंह पर ग्राम पंचायत की विकास शुल्क की राशि को गबन करने का आरोप लगया है. तंवर का आरोप है कि ग्राम पंचायत में हर वर्ष सालाना विकास शुल्क के नाम पर 6 लाख रुपये की राशि ग्राम पंचायत के खाते में जमा की जाती हैं.
मगर 2 साल से सालाना विकास राशि को सरपंच कृष्णा माली ग्राम पंचायत के खाते में जमा नही कर रही है और ये राशि सीधी अपने पास रख रही है. जो नियम के विरुद्ध है. वही तंवर का कहना है कि 2015 में माइंस एशोसिएशन अध्यक्ष और ग्राम पंचायत की बीच लिखित में समझौता भी हुआ था. जिसमें साफ लिखा हुआ है कि माइंस एशोसिएशन द्वारा सालाना विकास शुल्क की राशि को ग्राम पंचायत की बैंक खाते में जमा की जायेंगी. परन्तु 2 साल से ग्राम पंचायत द्वारा कोई शुल्क जमा नहीं की और जो विकास शुल्क आयी है उसे सरपंच और सचिव ने गबन कर ली है.
चेचट उपसरपंच ओम तंवर ने बताया कि माइंस एसोसिएशन की तरफ से 6 लाख रुपये सालाना दिए जाते है, 6 लाख का एग्रीमेंट 2015 से 20-21 में खत्म हो गया. उसके बाद भी ग्राम विकास अधिकारी और सरपंच ने नया एग्रीमेंट नहीं करवाया है, जिससे ग्राम को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है.
वही 2015 में ग्राम पंचायत और माइंस एशोसिएशन की बीच समझौता हुआ था, जिसमें ये साफ लिखा हुआ है, कि विकास शुल्क की राशि सीधी ग्राम पंचायत के खाते में दी जायेगी ना ही किसी अनुसंशा पत्र पर. फिर भी ग्राम पंचायत सरपंच और विकास अधिकारी माइंस एशोसिएशन से अनुसंशा पत्र पर राशि जमा की जा रही हैं. जो गैर कानूनी है और इस राशि का ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है.
रिपोर्टर- हिमांशु मित्तल
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