रिदम कोचर ने दीक्षा ग्रहण कर संत के रूप में जीवन बिताने का निर्णय लिया था ऐसे में दीक्षार्थी बनने के बाद रिदम कोचर का वरघोड़े का जुलूस ननिहाल आवर कस्बे में धूमधाम से निकाला गया है.
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Jhalawar: राजस्थान के झालावाड़ (Jhalawar News) जिले के आवर निवासी कटारिया परिवार की भांजी और महिदपुर निवासी विशाल सोनाली कोचर की सुपुत्री दीक्षार्थी बहिन रिदम कोचर ने दीक्षा ग्रहण कर संत के रूप में जीवन बिताने का निर्णय लिया था ऐसे में दीक्षार्थी बनने के बाद रिदम कोचर का वरघोड़े का जुलूस ननिहाल आवर कस्बे में धूमधाम से निकाला गया है.
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इस अवसर पर सकल जैन श्रीसंघ के सहयोग से वरघोड़े का जुलूस कटारिया परिवार के निवास स्थान से प्रारंभ हुआ जो बेंड-बाजों के साथ कस्बें के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरा. 14 वर्ष की छोटी सी उम्र में संयम के मार्ग पर चलने का निर्णय लेने वाली बहिन रिदम कोचर के अभिनंदन के लिए कस्बें वासियों ने पलक-पावड़े बिछा दिये.
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जुलूस के दौरान जगह-जगह पर दीक्षार्थी रिदम कोचर का अभिनंदन किया गया. वरघोड़े का जुलूस सामुदायिक भवन पर पहुंचा जहां पर आयोजित धर्मसभा में दीक्षार्थी रिदम कोचर और उनके परिवार का जेन श्वेतांबर मूर्तिपूजक श्रीसंघ, जैन स्वेताम्बर स्थानकवासी श्रीसंघ, नगरपालिका भवानीमंडी और नवरत्न परिवार द्वारा अभिनंदन पत्र भेंट कर शुभकामनाएं दी गयी.
Reporter: MAHESH PARIHAR