Kota RTU Case: कोटा आरटीयू केस में प्रोफेसर के खिलाफ मीटू अभियान जारी, अब लेक्चरर ने दर्ज करवाई एफआईआर
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1514218

Kota RTU Case: कोटा आरटीयू केस में प्रोफेसर के खिलाफ मीटू अभियान जारी, अब लेक्चरर ने दर्ज करवाई एफआईआर

Kota RTU Case: कोटा आरटीयू केस पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बना हुआ है. अब आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार के खिलाफ एक महिला लेक्चरेर ने शिकायत दर्ज काई है. पीड़िता ने बताया कि आरोपी गिरीश परमार 2012 से उसको सता रहा था. छेड़छाड़ कर रहा था. कई बार शारीरिक संबंध बनाने का दबाव बना चुका है. 

Kota RTU Case: कोटा आरटीयू केस में  प्रोफेसर के खिलाफ मीटू अभियान जारी, अब लेक्चरर ने दर्ज करवाई एफआईआर

Kota RTU Case: अब राजास्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी (Kota RTU Case) की डर्टी पिक्चर में एक और शिकायत आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार और उसके सहयोगी प्रोफेसर राजीव गुप्ता सहित एक अन्य प्रोफेसर और एक महिला कर्मी के विरुद्ध प्राप्त हुई है. लेकिन इस बार शिकायत देने वाली कोई छात्रा नहीं बल्कि आरटीयू की एक लेक्चरर है. 

पीड़ित लेक्चरर ने दादाबाड़ी थाने में एक शिकायत देते हुए बताया कि आरोपी डर्टी प्रोफेसर गिरीश परमार सन 2012 से उसे लगातार प्रताड़ित कर रहा है. उसे कई बार अभद्रता का सामना करना पड़ा. कई बार गिरीश परमार ने उसके साथ छेड़छाड़ की. जिसकी वजह से वह लगातार डिप्रेशन में चल रही थी. इसी के चलते 14 वर्षों में जाकर उसकी एमटेक पूरी हुई है.

 

कोटा आरटीयू केस में गिरीश परमार लगातार उस पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालता था. जिसकी वजह से वह लंबे समय तक डिप्रेशन का शिकार रही. पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.वहीं, पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है. SIT टीम के डीएसपी अमर सिंह राठौर ने बताया कि मामले में जांच जारी है.

कोटा आरटीयू केस में अब तक की जांच में सामने आया है कि आरोपी छात्रा ईशा यादव ही पेपर बनाती थी और कॉपियां भी वहीं, चेक करती थी. जिसमें जानबूझकर छात्राओं को फेल किया जाता था और फिर छात्राओं को गिरीश परमार से मिलने के लिए दवाव डाला जाता था. ऐसे में अब कॉपियों की FSL जांच की जा रही है. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जानी है.

गौरतलब है कि कोर्ट कोटा RTU के प्रोफेसर गिरीश परमार द्वारा बीटेक की छात्राओं को जानबूझकर के फेल किया जाता था और उनके अंक बढ़ाने और पास करने के एवज में उनकी अस्मत का सौदा किया जाता था.

कोटा आरटीयू मामले की शिकायत को लेकर एक छात्रा ने दादाबाड़ी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था, जिसमें कार्रवाई करते हुए कोटा पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार उसके सहयोगी बिचौलिया छात्र अर्पित और फोर्थ इयर की छात्रा निशा यादव को गिरफ्तार कर लिया था. जो फिलहाल अपने गुनाहों की सजा काटने के लिए जेल की सलाखों के पीछे कैद है.

ये भी पढ़ें- जैसलमेर में मिशाल बना बेटी के लिए एक पिता का ये प्यार, अपनी लाड़ली के नाम पर खुद की देह को कर दिया दान

 

Trending news