कोटा-बूंदी : केंद्रीय विद्यालय के नए भवन में कक्षा 12वीं तक पढ़ने की सुविधा एवं 1000 बच्चों को मिलेगा दाखिला (वर्तमान क्षमता 400 विद्यार्थी), फिजिक्स, कैमेस्ट्री, मैथ्स और कम्प्यूटर लैब, एक्टीविटी और आर्ट रूम, 15 माह में तैयार होगा केंद्रीय विद्यालय का नया भवन.
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कोटा-बूंदी : सामाजिक,आर्थिक परिवर्तन लाने का एक मात्र माध्यम शिक्षा है. हम चाहते हैं कि कोटा-बूंदी के बच्चे देश और विश्व में बदलाव के वाहक बने. इसके लिए उन्हें हर वह संसाधन उपलब्ध करवाएंगे जो उनमें वैज्ञानिक सोच विकसित कर उन्हें नवाचारों की दिशा में आगे ले जाएं. इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आने वाले समय में कोटा-बूंदी के सभी स्कूलों को डिजिटल शिक्षा से जोड़कर शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन लाया जाएगा. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह बात बुधवार को बूंदी केंद्रीय विद्यालय के नए भवन का शिलान्यास करते हुए कहा. गांधी ग्राम में आयोजित समारोह में बिरला ने कहा कि वैदिक काल से इस आधुनिक युग तक जो भी प्रगति हुई उसका आधार शिक्षा ही थी. यही वजह है कि आजादी से पहले और बाद में शिक्षा को लेकर बड़े आंदोलन हुए. हमारी धार्मिक गुरूओं, समाज सुधारकों, राजनेताओं ने शिक्षा की अलख जगाने का प्रयास किया, अंतिम बच्चे तक शिक्षा पहुंचे, इसके लिए संसद में ही कई कानून बनें.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहते हैं कि हमारी शिक्षा गुणवत्तापूर्ण होने के साथ उत्पादक भी हो. वे विद्यार्थियों और युवाओं में स्किल के साथ विजन भी विकसित करे, जिससे वे देश और दुनिया को दिशा दे सकें. हमारी भावी पीढ़ी अपने इनोवेशन और रिसर्च से दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान कर सकें. इसके लिए वे विद्यार्थियों और युवाओं से संवाद कर उनका आत्मविश्वास बढ़ाते हैं.
बिरला ने कहा कि हमारे देश में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, एपीजे अब्दुल कलाम जैसी अनेक विभूतियां हैं जिन्होंने अभावों पर विजय पाकर शीर्ष को छुआ. हमारी कोशिश है कि हमारे यहां के दूरस्थ गांव में अभाव में जी रहे बच्चे भी नेतृत्व करें. इसके लिए गांव-गांव में शिक्षित पीढ़ी तैयार करेंगे, यह हमारा संकल्प है जिसे हम दृढ़ निश्चय के साथ सिद्धी तक पहुंचाएंगे.
स्पीकर बिरला ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय का नया भवन बनने और इसके 12वीं तक क्रमोन्नत होने से माता पिता की बड़ी चिंता दूर होगी. पहले उन्हें 11वीं और 12वीं कक्षा नहीं होने के कारण 10वीं के बाद विकल्प तलाशने पड़ते थे. लेकिन अब बच्चा कक्षा एक में स्कूल में प्रवेश लेगा और 12वीं उत्तीर्ण करके निकलेगा. उसे एक ही छत के नीचे पूरी स्कूली शिक्षा मिल सकेगी. कार्यक्रम के दौरान ही स्पीकर बिरला ने बताया कि केशवरायपाटन मंदिर के आसपास के क्षेत्र की दशा सुधारने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत 70 करोड़ की डीपीआर बन रही है. बूंदी किले पर फसाड लाइट लगाने के लिए 7 करोड़ रूपए स्वीकृत हो चुके हैं. रामगढ़ में बाघ रिलीज कर वहां भी जंगल सफारी प्रारंभ करने की योजना है. हम बूंदी को पर्यटन का सिरमौर बनाकर यहां विकास और रोजगार की अपार संभावनाएं तैयार करेंगे.
केंद्रीय विद्यालय के नए भवन में यह होगा खास
- आधुनिक सुविधााओं से युक्त अत्याधुनिक भवन
- कक्षा 12वीं तक पढ़ने की सुविधा (वर्तमान भवन कक्षा 10 तक ही संचालित है)
- 1000 बच्चों को मिलेगा दाखिला (वर्तमान क्षमता 400 विद्यार्थी)
- फिजिक्स, कैमेस्ट्री, मैथ्स और कम्प्यूटर लैब, एक्टीविटी और आर्ट रूम
- बैडमिंटन के दो तथा बॉलीवॉल व बास्केटबॉल का एक-एक कोर्ट
- एक लाख लीटर क्षमता का वर्षा जल संरक्षण स्ट्रक्चर
- 15 माह में तैयार होगा केंद्रीय विद्यालय का नया भवन
बूंदी विधायक अशोक डोगरा ने कहा कि स्पीकर ओम बिरला बूंदी के सर्वांगीण विकास के दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रहे हैं. उनके प्रयासों से केंद्रीय विद्यालय के नए भवन के लिए 20 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है. इस नए भवन के बनने से बूंदी के शैक्षणिक जगत में एक नई ऊर्जा का प्रवाह होगा. हमारे बच्चों को अब स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए कहीं और नहीं जाना होगा. इससे उनका भविष्य उज्ज्वल होगा. उनकी कोशिशों से ही खेल संकुल के पुर्नविकास, रोजगार मेला, हेरीटेज लाइट्स, लाइट एंड साउंड शो जैसे कार्य साकार हो रहे हैं. बूंदी की जनता उनके इन महती प्रयासों की सदैव आभारी रहेगी.
कार्यक्रम में स्वागत भाषण जिला कलक्टर रविंद्र गोस्वामी ने दिया. इस दौरान सीपीडब्ल्यूडी मुख्य अभियंता नीरज बंसल ,केंद्रीय विद्यालय उपायुक्त डीएल मरोडिया, सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश अग्रवाल, महावीर खंगार, जित्तेंद्र सिंह हाड़ा, रामबाबू शर्मा ,प्रधान राजेश रायपुरिया, सर्वोदय ग्रुप के निदेशक एजी मिर्जा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य मौजूद रहे.