सड़कों पर धमाचौकड़ी करते आवारा जानवरों से वाहन चालकों और राहगीरों के साथ हादसों की आशंका भी रहती है.
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Sangod: बारिश का दौर शुरू होते ही कस्बे समेत मुख्य मार्गों की सड़कें आवारा पशुओं की आरामगाह बनने लगी है. सड़कों पर आवारा जानवर राहगीरों और वाहन चालकों के लिए मुसीबत बनने लगे हैं.
सड़कों पर धमाचौकड़ी करते आवारा जानवरों से वाहन चालकों और राहगीरों के साथ हादसों की आशंका भी रहती है. सड़क पर झुंड़ के रूप में जमे रहने से आवागमन में बाधित होता है. यह हालात सांगोद शहर ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों तक भी हैं.
उल्लेखनीय है कि बारिश के बाद मौसम साफ होने के बाद सड़कें और गलियों में बनी सड़क मिट्टी की अपेक्षा जल्दी सूखती है. ऐसे में कस्बे समेत आसपास के गांवों में आवारा पशुओं के झुंड़ सड़कों पर जम जाते हैं. कई जगह तो पूरी सड़क पर पशुओं का राज रहता है. वाहनों का हॉर्न बजाने के बाद भी यह सामने से नहीं हटते. आखिरकार वाहन चालकों को वाहनों से उतरकर इन्हें हटाना पड़ता है.
मुख्यालय से जुड़े कोटा, अंता, बपावर, जोलपा समेत सभी मार्गों पर हालात खराब हैं. कई जगह तो इनकी तादाद इतनी ज्यादा रहती है कि सड़क से वाहन गुजारना वाहन चालकों के लिए किसी चुनौती से कम साबित नहीं हो रहा.
सड़कों पर जमा आवारा पशुओं की वजह से रात के समय सड़कों पर तेज गति से आवागमन करने वाले वाहन चालकों के साथ हादसों की आशंका रहती है. यहां शहर में उजाड़ नदी की पुलिया पर दिनभर आवारा जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है. पुलिया से गुजरने वाले वाहन चालक एवं राहगीरों के साथ अनहोनी की आशंका रहती है. गत दिनों लोगों ने इस समस्या को सीएलजी की बैठक में भी प्रमुखता से उठाया था.
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