Rajasthan election: दिवाली के त्योहार पर घर पर आने वाले मेहमानों का स्वागत मिठाई से किया जाता है. इस पर्व पर मिठाई की बहुत अहमियत रहती है. प्रदेश में चुनावी माहौल है और कोटा में भी कई राजनीतिक दल चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं.
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Rajasthan election: दिवाली के त्योहार पर घर पर आने वाले मेहमानों का स्वागत मिठाई से किया जाता है. इस पर्व पर मिठाई की बहुत अहमियत रहती है. ऐसे में शहर में अलग-अलग वैरायटी की मिठाइयां बाजार में उपलब्ध रहती हैं, लेकिन इस बार राजस्थान में चुनावी माहौल चल रहा है, जिसके चलते राजनीतिक पार्टियों के सिंबल वाली मिठाइयां भी कोटा के मार्केट में पहुंच गई हैं.
तलवंडी इलाके में मिठाई का आउटलेट चलाने वाले व्यापारी का कहना है कि वह हर साल क्रैकर्स शेप में मिठाई तैयार करवाते थे. इस बार भी उन्होंने क्रैकर्स की मिठाई तैयार करवाई थी. प्रदेश में चुनावी माहौल है और कोटा में भी कई राजनीतिक दल चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं. इन्हीं को देखते हुए उन्होंने राजनीतिक दलों के सिंबल की मिठाई तैयार की है. इसे लोग काफी पसंद भी कर रहे हैं.
राजनीतिक दलों के लोग ले जा रहे मिठाई
व्यापारी का कहना है कि राजनीतिक पार्टियों के सिंबल में उन्होंने कमल का फूल और हाथ के निशान के अलावा भी कुछ अन्य बनाए हैं. राजनीतिक दलों के लोग, जो उन्हें जानते हैं, उनके कहने पर ही उन्होंने ये मिठाइयां तैयार की थी. ऐसे में उनसे इस मिठाई की खरीद कर लेकर जा रहे हैं. इन मिठाइयों की कीमत 1000 से लेकर 1200 रुपए किलो के बीच में है. क्रैकर्स वाली मिठाई के भी यही दाम हैं. क्रैकर्स वाली मिठाई में अनार, सुतली बम, पटाखे की लड़ी, माचिस, फ्लावर और दीपक सहित कई तरह के आइटम उन्होंने बनाए हैं.
बंगाल के कारीगर बना रहे मिठाई
दुकानदार का कहना है कि एक मिठाई का पीस का वजन 100 से लेकर 300 ग्राम तक है. इसे पूरी तरह से काजू और अन्य ड्राई फ्रूट के बेस से तैयार किया गया है. इसमें शक्कर और शुद्ध घी के अलावा फूड कलर का भी उपयोग किया गया है, जो पूरी तरह से सेफ है. उनका कहना है कि उनके पास वेस्ट बंगाल से कारीगरों की पूरी फौज है, जिन्हें वह हर सीजन के अनुसार से मिठाई तैयार करने के लिए कहते हैं. राखी के सीजन में, होली पर कलरफुल और दीपावली पर पटाखे की शेप की मिठाई तैयार करवाते रहे हैं.
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