Vasundhara Raje Kota Rally: कोटा में वसुंधरा का 'शक्ति प्रदर्शन', भाजपा महारैली में बोली राजे...आओ फिर से कमल खिलायें
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Vasundhara Raje Kota Rally: कोटा में वसुंधरा का 'शक्ति प्रदर्शन', भाजपा महारैली में बोली राजे...आओ फिर से कमल खिलायें

Vasundhara Raje Kota Rally: सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की आज कोटा में शंभूपुरा इलाके में सभा आयोजित हुई. जिसमें भारी जनसमूह उमड़ा. इस रैली में वसुंधरा राजे सिंधिया ने संबोधित करते हुए अशोक गहलोत सरकार को जमकर की कोसा. भाजपा महारैली में बोली आओ फिर से कमल खिलायें.

Vasundhara Raje Kota Rally: कोटा में वसुंधरा का 'शक्ति प्रदर्शन', भाजपा महारैली में बोली राजे...आओ फिर से कमल खिलायें

Vasundhara Raje Kota Rally: सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया की आज कोटा में शंभूपुरा इलाके में सभा आयोजित हुई. जिसमें भारी जनसमूह उमड़ा. इस रैली में वसुंधरा राजे सिंधिया ने संबोधित करते हुए अशोक गहलोत सरकार को जमकर की कोसा. राजस्थान में विकास हुआ है केवल भ्रष्टाचार, दलित व महिला अत्याचार, बेरोजगारी का हुआ है. जबकि भाजपा की योजनाओ के नाम बदले गए हैं. विकास महंगाई व बयानों का हुआ है. योजनाओं को बदलने का विकास हुआ है और कांग्रेस के आपसी झगड़े का विकास हुआ है.

वसुंधरा राजे सिंधिया ने कहा कि खरगोश कछुए को कमजोर समझ लेने की भूल कर लेता है. ऐसी चूक हमें नहीं करनी चाहिए, क्योंकि कांग्रेस सत्ता प्राप्ति के लिए ये कुछ भी कर सकती हैं. इसके बाद वसुंधरा राजे ने कहा कि साल 2023 विधानसभा चुनाव में कमल खिलाना है और ऐसा ही 2024 में लोकसभा चुनाव में करना है. आयोजन कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने आयोजित किया. इस कार्यक्रम में हाडोती के अलावा प्रदेश भाजपा के कई बड़े नेता पहुंचे है.
 

एयरपोर्ट के मुद्दे पर था कोटा के नेताओं कोसा

वसुंधरा राजे सिंधिया ने कोटा के स्थानीय मुद्दे एयरपोर्ट पर भी जमकर प्रहार किया. इस बयान के जरिए उन्होंने स्थानीय स्तर पर दो नेताओं पर हमला बिना नाम लिए बोला है. उन्होंने कहा कि लगातार 5 सालों से कोटा से समाचार आ रहे हैं कि अब एयरपोर्ट की फाइल आगे बढ़ गई है. निर्माण शुरू हो जाएगा. पैसे जमा हो गए हैं, लेकिन जमीनी धरातल पर कोई काम अभी तक नहीं हो पाया है. जबकि 5 साल में एयरपोर्ट जमीन पर उतर जाता. उन्होंने इस दौरान ओम बिरला और शांति धारीवाल पर हमला बोला है. हालांकि दोनों नेताओं का नाम नहीं लिया.

अटल बिहारी की कविता से कमल खिलाने की अपील

वसुंधरा राजे सिंधिया ने अपने भाषण की शुरुआत कविता से की...

"आओ फिर से दिया जलाएं, भरी दुपहरी में अंधियारा,
सूरज परछाई से हारा अंतर तम का नेह निचोड़ें,
बुझी हुई बाती सुलगाएं,आओ फिर से दिया जलाएं।
आओ फिर से कमल खिलाएं"

मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल की तारीफ

इसके बाद हाड़ौती के दिग्गजों को उन्होंने याद किया. वसुंधरा ने पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के 9 साल के कार्यकाल की तारीफ की. उन्होंने कहा कि विश्व में भारत को देखने का नजरिया बदल गया है. भारत की तरफ आंख उठाकर देखने वाले देश भी नजरें झुका कर खड़े हैं. हर जगह पर पहले हम मदद मांगा करते थे और आज भारत मजबूत स्थिति में पहुंच गया है कि मदद लोगों तक पहुंचा रहा है. भारत की गिनती जहां पर निकले दर्जे के देशों में हुआ करती थी, अब सबसे ऊपर गिना जाता है. भारत जिन देशों से सलाह लेता था, अब उन्हें सलाह बांट रहा है.

ईआरसीपी पर अशोक गहलोत ने ही लगवाए हैं ब्रेक

वसुंधरा ने कहा कि प्रदेश के और सब 13 जिलों की किस्मत ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट के जरिए बदलने की हमने कोशिश की थी, लेकिन अशोक गहलोत सरकार के आते ही उस पर भी ब्रेक लग गया है. जबकि मध्यप्रदेश में इसी योजना के आगे के चरण में 3 बाद भी बना लिए हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था कि नदी जोड़ने की योजना के तहत यह योजना हमने बनाई है. कांग्रेस के वर्तमान सरकार ने राजनीति में उलझा कर छोड़ दिया. हमारे शासन ने इसी क्रम में झालावाड़ में आहू और चंवली नदी को भी जोड़ा था. झालावाड़ के 31 गांव लाभान्वित हुए.

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बारां जिले की परवन परियोजना में भी राहुल गांधी को बुलाकर सितंबर 2013 में शिलान्यास करवा दिया गया, लेकिन बीते कांग्रेस के 5 साल में कोई काम नहीं हुआ है. इस योजना के जरिए 2 लाख बीघा जमीन और 950 गांवों को पानी का आज भी इंतजार है. हमारे जल स्वालंबन योजना के चलते आज गांवों और कस्बों में भी पानी पहुंच गया है.

बिजली ही नहीं खरीद पा रही है सरकार

प्रदेश के सरकार में महंगाई राहत के चलते बिजली के बिल फ्री करने की बात कर रही है, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. आम जनता को 100 यूनिट फ्री देने की बात करने वाली कांग्रेस सरकार बिजली भी नहीं खरीद पा रही है. ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों को बिजली भी नहीं मिल पाएगी. दूसरी तरफ, चार दर्जन किसान अब तक प्रदेश में आत्महत्या कर चुके हैं. करीब 19000 किसानों की जमीन कुर्क हो गई। हाड़ौती के चारों जिलों के भी 800 किसान हैं. 

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