पीपल्दा: दिवाली पर गुलजार रहने वाले इटावा के बाजार क्यों पड़े हैं सूने?
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पीपल्दा: दिवाली पर गुलजार रहने वाले इटावा के बाजार क्यों पड़े हैं सूने?

इटावा नगर के बाजार इस बार बेजार नजर आ रहे हैं. फेस्टिवल सीजन में इटावा का बाजार क्षेत्र के खरीदारों की पहली पसंद होता है. 

पीपल्दा: दिवाली पर गुलजार रहने वाले इटावा के बाजार क्यों पड़े हैं सूने?

Pipalda: दिवाली के मौके पर खरीदारों से गुलजार रहने वाले इटावा नगर के बाजार इस बार बेजार नजर आ रहे हैं. फेस्टिवल सीजन में इटावा का बाजार क्षेत्र के खरीदारों की पहली पसंद होता है. फिर चाहे फुटकर व्यापारी हों या आम खरीदार, लेकिन इन दिनों बाजार से रौनक गायब हैं. 

इन दिनों दीपावली की खरीददारी के चलते देर रात तक बाजारों में रौनक रहती थी, लेकिन इस समय बाजार में नाम मात्र की खरीदार है. कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, रेडीमेड बाजार में पसरा सन्नाटा विक्रेताओं पर भारी पड़ रहा है. 

दिवाली पर लोग घर की साज-सजावट पर दिल खोल कर पैसे खर्च करते हैं, जिन्हें होम अप्लाएंस खरीदना होता है, वो भी फेस्टिवल सीजन में मिलने वाले ऑफर्स और सेल का इंतजार करते रहते हैं. लेकिन जिस बाजार में दिवाली के दौरान पैर रखने तक की जगह नहीं होती, उस बाजार में दुकानदार ग्राहकों का इंतजार करते नजर आ रहे हैं. 

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नगर के कारोबारियों की मानें तो इस साल बाजार में करीब 60 फीसदी की गिरावट है. दुकानदारों का कहना है कि धनतेरस पर भीड़ होने की वजह से अक्सर लोग सप्ताह भर पहले ही गाड़ी या अन्य घरेलू सामान सेलेक्ट कर लेते थे और डिलीवरी धनतेरस के शुभ दिन लेते थे, लेकिन इस साल ऐसे ग्राहक दुकानों पर कम ही नजर आए. लोगों का कहना है कि इटावा क्षेत्र किसानों से जुड़ा हुआ है. इस बार बारिश से फसले खराब होने का असर बाजार पर दिखाई दे रहा है, जिससे बाजार की रौनक फीकी पड़ी हुई है.

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