Lok Sabha Chunav 2024:राजस्थान के पाली लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार पीपी चौधरी पर भरोसा जताया और पाली से मैदान में उतारा.पीपी चौधरी लगातार 2014 एवं 2019 में लगातार दो चुनाव जीत चुके है.
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Lok Sabha Chunav 2024:राजस्थान के पाली लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार पीपी चौधरी पर भरोसा जताया और पाली से मैदान में उतारा.पाली लोकसभा के लिए लगातार तीसरी बार सांसद पीपी चौधरी पर विश्वास जताते हुए टिकट देकर मैदान में भेजा है.
पीपी चौधरी लगातार 2014 एवं 2019 में लगातार दो चुनाव जीत चुके है.भाजपा के लिए पाली लोकसभा के लिए राहत रही और लगातार वोट प्रतिशत बढ़ा है.साल 2014 के चुनाव में पाली लोकसभा के लिए जैन प्रत्याशी को बदलते हुए पहली बार सिरवी जाति से आने वाले पीपी चौधरी को टिकट देकर मैदान में उतारा गया.चौधरी के सामने कांग्रेस ने भी अपना प्रत्याशी बदलते हुए पूर्व सांसद बद्री राम जाखड़ की पुत्री मुन्नी देवी गोदारा को सामने उतारा.
पीपी चौधरी को 7,11,772 वोट प्राप्त होने के साथ ही कुल वोट का 64.87 प्रतिशत वोट मिले और मुन्नी देवी गोदारा को 3,12,733 मत मिले और कुल वोट मे से 28.50 प्रतिशत शेयर रहा.यहा गोदारा 3,99,039 वोट से हार गई थी.पहले चुनाव में ही पीपी चौधरी ने धमाकेदार जीत दर्ज कर दी जिसकी वजह से केन्द्रीय मंत्री मंडल में भी उनको मंत्री बनाया गया था.
उसके बाद साल 2019 में भाजपा ने एक बार फिर से पीपी चौधरी को मैदान में उतारा और उन्हे कुल मत मे से 900,149 वोट प्राप्त होने के साथ ही 66.20 वोट शेयर रहा जबकि कांग्रेस ने उनके सामने पूर्व सांसद बद्री राम जाखड़ को टिकट दिया लेकिन 4,18,552 वोट प्राप्त करने के साथ 30.78 वोट प्रतिशत शेयर प्राप्त किया.
हालाकि वे 4,81,597 वोटों से चुनाव हार गए लेकिन उनका वोट प्रतिशत जरूर बढ़ा.भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज करने के साथ अपना वोट प्रतिशत भी बढाया ऐसे में अब तीसरी बार भाजपा ने पीपी चौधरी को मैदान में भेजा है.
ऐसे में कांग्रेस के लिए अब मंथन तेज हो गया है कि मैदान में किसे उतारे.बद्रीराम जाखड़ साल 2009 में भाजपा को हराकर सांसद बने लेकिन अगले दो चुनाव जिसमें एक बार उनकी पुत्री व दूसरी बार स्वयं भी मैदान में उतरे लेकिन चुनाव हार गए.
ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीब होने से पाली जिले की बाली विधानसभा सीट से 2023 में टिकट दिया लेकिन भाजपा के पुष्पेन्द्रसिंह राणावत से दस हजार वोटो से हार गए थे.
हार के अंतर कम होने से संभावना बनी थी को झाखड को टिकिट मिल सकता है लेकिन अशोक गहलोत के सामने झखड़ ने चुनाव लडने से साफ इंकार कर दिया.इधर जेएनवीयू के पूर्व अध्यक्ष सुनील चौधरी ने भी टिकिट के लिए ताल ठोकी लेकिन सफल नहीं हुए.दिव्य मदेरणा का नाम भी पैनल में था लेकिन बद्री राम झाखड़़ की अनबन अदावत के चलते उसने भी रुचि नहीं दिखाई.
आखिर बाल कल्याण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल को पाली सेमाइदान में उतारा.लेकिन संगीता बेनीवाल के लिए राह आसान भी नहीं है.पाली के8 पंचायती विश्वभर में प्रसिद्ध है ऊपर से कांग्रेस का कई भागों में बंटा होना भी नुकसान दायक रहेगा.
आपसी मतभेद और गुटबाजी से पर पाना बेनीवाल के लिए कांटो भरी रह रहेगी.भले अशोक गहलोत पाली चुनावी सभा कर चुके लेकिन अंदरखाने वो भी जानते है कि पाली में आखिर कांग्रेस की ऐसी दुर्गति हुई क्यों.है.2024 के चुनाव में पाली लोकसभा में 23लाख 43 हजार 232 मतदाता है जिसने पुरुष 1217299 है तो महिला 1125895 के साथ थर्ड जेंडर 38 है.
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