Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: BJP को इन तीन सीटों पर मिल सकती है कड़ी चुनौती, जानिए चुनावी समीकरण
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Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: BJP को इन तीन सीटों पर मिल सकती है कड़ी चुनौती, जानिए चुनावी समीकरण

Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: BJP को राजस्थान में तीन सीटों पर कड़ी चुनौती मिल सकती है. जानिए तीनों सीटों के चुनावी समीकरण क्या हैं?

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Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: बीजेपी की लोकसभा चुनाव प्रत्याशियों की पहली लिस्ट शनिवार को जारी हुई. राजस्थान की 25 में से 15 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी गई है.

कोटा से ओम बिरला, नागौर से ज्योति मिर्धा और बांसवाड़ा-डूंगरपुर से महेन्द्रजीत मालवीय पर पार्टी ने भरोसा जताया है.नागौर से ही विधानसभा चुनाव ज्योति मिर्धा हारी थीं. हालांकि कांग्रेस के टिकिट मिर्धा नागौर सांसद रह चुकी हैं

ज्योति मिर्धा और महेन्द्रजीत मालवीय राजस्थान से बीजेपी की लिस्ट में नए चेहरे

महेन्द्रजीत सिंह मालवीय की बीजेपी में एन्ट्री हुई थी. महेन्द्रजीत सिंह मालवीय को बीजेपी ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट से प्रत्याशी घोषित किया है. हालांकि मिर्धा और मालवीय राजस्थान से बीजेपी की लिस्ट में नए चेहरे हैं. बीजेपी को दोनों ही सीटों पर जीत की उम्मीद है.

लोकसभा चुनाव में जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय नेता बीजेपी को कड़ी टक्कर दे सकते हैं. खासकर नागौर, करौली-धौलपुर और बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट पर. राजस्थान में 25 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से 4 सीटें एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं. इसके अलावा 3 सीटें एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं.

हनुमान बेनीवाल दे सकते हैं बीजेपी को कड़ी चुनौती

नागौर सीट की बात करें तो ये जाट बहुल सीट है. यहां से आरएलपी (Rashtriya Loktantrik Party )के मौजूदा सांसद हनुमान बेनीवाल सबसे बड़े नेता हैं. ऐसे में बीजेपी को इस सीट पर जीतने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है.

नागौर लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें 70 फीसदी आबादी जाटों की है.  इस सीट से जाट समुदाय के कार्यकर्ता को ही टिकट देने की मांग हमेशा उठती रही है. चर्चा है कि नागौर से बीजेपी के पास कोई बड़ा जाटा चेहरा नहीं होने की वजह से उन्होंने ज्योति मिर्धा को टिकट दिया. हालांकि इलाके में मिर्धा परिवार की मजबूत पकड़ है जिसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है. इसके अलावा, युवाओं के बीच प्रभाव रखने वाले हनुमान बेनीवाल मिर्धा को कड़ी चुनौती दे सकते हैं.

2019 के चुनावों की बात करें तो बीजेपी ने आरएलपी (Rashtriya Loktantrik Party ) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में बिना गठबंधन या बिना किसी समर्थन के बीजेपी ने 25 सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने की बात कही थी. हनुमान बेनीवाल की पार्टी विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट ही जीत पाई. फिलहाल हनुमान बेनीवाल ने यह साफ नहीं किया है कि वह इस साल चुनाव में किसी अन्य दल का समर्थन करेंगे या नहीं?

इसके अलावा करौली-धौलपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत 8 विधानसभा सीटें आती हैं. 2023 के विधानसभा चुनाव में इनमें से बीजेपी ने 2, कांग्रेस ने 5 और बीएसपी ने 1 सीट पर जीती हासिल की थी. इसी के चलते इस सीट पर बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल सकती है. जातिगत समीकरणों की बात करें तो करौली-धौलपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली 8 विधानसभा सीटों पर लगभग 3 लाख जाटव हैं. जो कांग्रेस विधायक अनीता जाटव का समर्थन कर रहे हैं. इसी तरह यहां माली जाति का अच्छा बहुमत है जो धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह के समर्थन में है.

वहीं बांसवाड़ा-डूंगरपुर सीट की बात करें तो इस सीट पर कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीएपी) का भी प्रभाव है. हालांकि इस सीट से प्रभावशाली नेता महेंद्र जीत सिंह मालवीय हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्हें इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया है ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वह चुनाव जीत सकते हैं.

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