पुलिस ने दूध की दुकान से युवक को उठाया और थाने ले जाकर प्राइवेट पार्ट पर लगाए करंट के झटके
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पुलिस ने दूध की दुकान से युवक को उठाया और थाने ले जाकर प्राइवेट पार्ट पर लगाए करंट के झटके

नागौर पुलिस का शर्मनाक चेहरा एक बार फिर दिखा. पुलिस ने बिना किसी कारण एक युवक को दुकान से उठा लिया और थाने में लाकर उसके साथ जमकर मारपीट की. इतना ही नहीं युवक के प्राइवेट पार्ट पर करंट के झटके भी लगाए और यह बात किसी से नहीं कहने की धमकी दी. युवक की हालत गंभीर है.

पुलिस ने दूध की दुकान से युवक को उठाया और थाने ले जाकर प्राइवेट पार्ट पर लगाए करंट के झटके

नागौर: राजस्थान में खाकी वर्दी का रौब एक बार फिर सामने आया है. खींवसर क्षेत्र में पुलिस ने एक युवक को ना केवल थाने में लाकर पीटा बल्कि उसे करंट के झटके दिए. यहां तक कि युवक के प्राइवेट पार्ट पर करंट के झटके दिए हैं और यह बात किसी से नहीं कहने की धमकी दी. गंभीर हालत में युवक अस्पताल में भर्ती है, जिले के मुंडवा वृत के भावण्डा थानाधिकारी ने युवक के साथ मारपीट की. 

 मामला 4 जनवरी का है, जहां भावण्डा थाना क्षेत्र के माणकपुर निवासी महिपाल पुत्र रामप्रसाद जाट दूध की दुकान पर काम कर रहा था. इस दौरान भावण्डा पुलिस थाने की गाड़ी उनके पास आई और पुलिसकर्मी उन्हें जीप में डालकर थाने ले गए. महिपाल ने बताया कि इसके बाद थाना अधिकारी सिद्धार्थ प्रजापत व पुलिस कर्मचारियों ने उनके साथ थाने के सभी सीसीटीवी कैमरे बंद कर मारपीट की और गुप्तांग पर करंट के झटके भी लगाए. जिससे वे पूरी तरह बदहाल अवस्था में है. इसके बाद उसे जेसी कर उसे जेल में भेज दिया गया.

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पुलिस पर बिना कारण मारपीट करने का आरोप

परिजनों ने भावण्डा थानाधिकारी सिद्धार्थ प्रजापत पर बिना किसी कारण हिरासत में लेकर संगीन मारपीट करने का आरोप लगाया है. 7 जनवरी को जमानत पर जेल से बाहर आए महिपाल ने बताया कि पुलिस ने उनके साथ बेरहमी से पिटाई की तथा उन्हें धमकी देते हुए कहा कि किसी को बताने की कोशिश की तो फिर से जेल में डाल देंगे. जिस पर महिपाल पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा, लेकिन सरकारी अवकाश के चलते वहां उन्हें न्याय नहीं मिला.

गंभीर हालत में युवक अस्पताल में भर्ती

इसके बाद हालत गंभीर होने पर उसे जेएलएन अस्पताल  में भर्ती कराया गया है. युवक चलने फिरने में सक्षम नहीं है. उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. रविवार को महिपाल के परिजन पहले एसपी कार्यालय तथा इसके बाद एसपी बंगला के सामने एकत्रित हुए तथा उचित न्याय दिलवाने की मांग की, लेकिन इसके बाद भी उन्हें यहां से केवल आश्वासन ही मिला, जिस पर परिजनों को बैरंग लौटना पड़ा. हैरानी की बात यह है कि उच्च अधिकारियों तक बात पहुंचने के बाद भी युवक का मेडिकल नहीं करवाया गया, जिस पर युवक के परिजनों ने पुलिस पर सवालिया निशान खड़े किए तथा मिलीभगत के भी आरोप लगाए.

Reporter- Damodar Inaniya

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