डीडवाना में फाल्गुनी धुनों के साथ होलिका दहन, महिलाओं ने गाएं मंगल गीत
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डीडवाना में फाल्गुनी धुनों के साथ होलिका दहन, महिलाओं ने गाएं मंगल गीत

Nagaur holi 2023: डीडवाना में रंगोंत्सव के तहत सोमवार होलिका दहन मुहूर्तनुसार किया गया. इस दौरान महिलाओं ने होली के मंगल गीत गए वही युवा चंग की थाप पर थिरकते नजर आए.

डीडवाना में फाल्गुनी धुनों के साथ होलिका दहन, महिलाओं ने गाएं मंगल गीत

Nagaur holi 2023: नागौर जिले के डीडवाना और आसपास के क्षेत्रों में होलिका दहन शांति पूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. शुभ मुहूर्त के तहत सूर्यास्त के बाद होलिका दहन किया गया जिसमें लोगों ने सनातन परम्परा अनुसार होली की पूजा की इस दौरान महिलाये जहाँ मंगल गीत गाती हुई नजर आई वहीँ युवा चंग की थाप पर नाचते गाते नजर आए. होलिका दहन के बाद लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी.

होलिका दहन के पश्चात् लोगों ने होलिका पूजन कर सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की. इस दौरान परम्परा अनुसार लोग तेजा गायन करते भी नजर आए वहीँ किसान वर्ग ने पारम्परिक तौर पर फसल बुवाई का सुगन कर अच्छी फसल की कामना की.

आपको बता दें की देशभर में होलिका दहन के दो अलग अलग मुहूर्त होने की वजह से कई स्थानों पर जहाँ आज होलिका दंहन किया गया जबकि कुछ स्थानों पर कल होलिका दहन किया जायेगा. कल डीडवाना मे माली समाज की प्रसिद्ध स्वांग गेर निकाली जाएगी वहीँ सरकारी गेर के नाम से प्रसिद्ध डोलची मार गेर भी निकाली जाएगी. गेर की यह दोनों ही परम्परायें अनूठी है जिसको देखने के लिए दूर दराज से भी लोग आते हैं.

बता दें कि होलिका दहन के मौके पर पीढ़ियों से चली आ रही परम्परा को भी लोगो ने पूरा किया.होलिका दहन के दौरान नया धान (गेंहू की बालियां) आग पर सेंक कर खाई जाती है, कई लोगों का मानना है कि इस तरह नया धान खाने से वर्ष भर सम्पन्नता बनी रहती है.जलती होली में से बड़ खुल्या (गोबर के उपले) लेकर घर ले जाने की भी परम्परा है.

माना जाता है कि इसे घर मे लाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा का अंत होता है.कई लोग यह भी कहते है पुराने जमाने मे दियासलाई नही होती थी.चूल्हे के पास आग जलती रहे इसके लिए भी होली से आग घर पर ले जाई जाती है.लोगों का मानना है कि ऐसा करने से घर मे सुख शांति और समृद्धि बनी रहती है.

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