मेड़ता: कृषि विभाग के 6 सदस्य टीम ने किया फसल खराबे का सर्वे, किसानों को मिलेगा मुआवजा
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1395963

मेड़ता: कृषि विभाग के 6 सदस्य टीम ने किया फसल खराबे का सर्वे, किसानों को मिलेगा मुआवजा

नागौर जिले में मेड़ता उपखंड क्षेत्र के कुरड़ायां गांव में 23 सितंबर को कोई तेज मूसलाधार बारिश से मूंग - ग्वार और कपास की फसल बर्बाद हो गई, जिसकी सूचना समय रहते ही 72 घंटे के अंदर किसानों द्वारा बीमा कंपनी को दे दी गई. 

मेड़ता: कृषि विभाग के 6 सदस्य टीम ने किया फसल खराबे का सर्वे, किसानों को मिलेगा मुआवजा

Merta: मेड़ता उपखंड के कुरडायां ग्राम में फसल खराबे की 72 घंटे में शिकायत करने के 20 दिन बाद बीमा कर्मी सर्वे करने पहुंचने की खबर को ज़ी मीडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए किसानों की समस्याओं को कृषि विभाग के समक्ष रखा. इस पर कृषि विभाग द्वारा 6 सदस्य टीम बनाकर कुरड़ाया ग्राम भेज कर फसल खराबे का सर्वे कराया गया.

नागौर जिले में मेड़ता उपखंड क्षेत्र के कुरड़ायां गांव में 23 सितंबर को कोई तेज मूसलाधार बारिश से मूंग - ग्वार और कपास की फसल बर्बाद हो गई, जिसकी सूचना समय रहते ही 72 घंटे के अंदर किसानों द्वारा बीमा कंपनी को दे दी गई. 

यह भी पढ़ें- लाडनूं विधायक मुकेश भाकर की बिजली विभाग के कर्मचारियों को दो टूक, नहीं करें काम में बहानेबाजी

सात दिवस की अवधि में ही बीमा कंपनी के नुमाइंदों को आकर फसल खराब होने का आंकलन कर मुआवजा राशि तय करनी थी मगर बीमा कंपनी के नुमाइंदे 20 दिन पश्चात कुरड़ायां ग्राम पहुंचे तो किसानों ने इस बात का विरोध करते हुए बीमा कंपनी द्वारा मनमानी करने के कई आरोप लगाए. किसानों की समस्या को ज़ी मीडिया ने प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए किसानों की जायज मांगों को प्रशासन के समक्ष रखा, जिस पर मेड़ता कृषि सहायक निदेशक रामप्रकाश बेड़ा ने 6 सदस्यों की टीम गठित करके सर्वे करने के लिए भेजा. 

बीमा कंपनी के जिला प्रतिनिधि सोनू कुमार, ब्लॉक बीमा प्रतिनिधि कुंदन, कृषि पर्यवेक्षक पिंकी कुड़ी, सहायक कृषि अधिकारी रामदेव पुनिया इसके साथ ही बीसीओ पंकज सिंह, रिलायंस प्रतिनिधि राहुल सिंह सहित संबंधित अधिकारियों ने गांव में पंहुच किसानों के साथ वार्ता कर सभी मांगों पर विचार करते हुए किसानों की हर बात मानने को तैयार हो गए साथ ही बीमा कंपनी ने स्वीकार किया कि हमारी गलती थी कि हम देरी से पहुंचे. 

क्या बोले बीमा कंपनी के जिला प्रतिनिधि 
बीमा कंपनी के जिला प्रतिनिधि सोनू कुमार ने बताया कि कृषि सहायक निर्देशक के निर्देशानुसार 6 सदस्यों की गठित टीम ने गांव में फसल खराबे का सर्वे किया, जहां मूंग की फसल में 60 से 70 फ़ीसदी वहीं, ग्वार और कपास में 50 से अधिक फीसदी नुकसान हुआ है, जिसकी सर्वे रिपोर्ट बनाकर आगे भेज दी जाएगी और किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा शीघ्र ही दिलवाया जाएगा. 

उन्होंने कहा कि जिले में बहुत अधिक गांव होने के कारण हम समय पर नहीं पहुंच पाते हैं और सर्वे के समय किसानों को कॉल करने पर 100 में से 20 से 25 ही किसान पहुंचते हैं इसी कारण सर्वे पेंडिंग रह जाती हैं. परंतु हमारे कंपनी की भी गलतियां हैं जिस कारण किसानों को समस्या का सामना करना पड़ता है वहीं उन्होंने किसानों से अपील की है कि जो बीमा सर्वेयर आते हैं उन्हें किसी प्रकार की भी रिश्वत नहीं देनी है. किसान हित के मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित कर किसानों की आवाज बनने पर काश्तकारों ने जी राजस्थान का धन्यवाद ज्ञापित किया.

आखिर बीमा कंपनी ने अपनी गलती मानते हुए किसानों की पीड़ा को समझा. कुरड़ाया गांव में फ़सल खराबे कि शिकायत के बाद भी सर्वे मे देरी से आए बीमा प्रतिनिधि बिना सूचना किसानों से फार्म भरवाकर और उनके हस्ताक्षर करके हमेशा की तरह ले जाना चाहते थे लेकिन गुरुवार को जागरुक किसानों ने हस्ताक्षर करने को साफ मना कर दिया और उच्च अधिकारियो को सूचित भी कर दिया. परिणामस्वरूप गठित टीम गांव आईं और किसानों के सामने उनके खराबे का प्रतिशत लिखा. इससे किसानों मे भारी खुशी हुईं कि पहली बार नियमानुसार सर्वे हुआ है.

Reporter- Damodar Inaniya

Trending news