Rajasthan Crime news:प्रदेश में होने वाली सफाई कर्मचारी भर्ती में लोगों द्वारा रिश्वत लेकर नौकरी लगने की गारंटी दी जा रही है. जयपुर नगर निगम हेरिटेज की कर्मचारी आशा कंडारा ने इसके लिए बलूंदा में रहने वाले रिश्तेदारों से ₹3 लाख में डील की थी ये तो मामला सामने आगया लेकिन कई दलाल आज भी लोगो को गुमराह कर पैसे ऐंठ रहे.
एडवांस के तौर पर एक लाख 75 हजार रुपए बेटे ऋषभ और दलाल योगेंद्र चौधरी के साथ एसीबी ने बुधवार को जैतारण के पास रिसॉर्ट से गिरफ्तार किया था.तीनों आरोपियों को पाली में एसीबी मामले की विशेष अदालत में पेश किया गया.
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जहां से सभी को 15 दिन की न्यायिक अभीरक्षा में जेल भेज दिया गया
एसीबी ने काफी दिनों से आशा का फोन सर्विलांस पर ले रखा था, फोन पर वह सफाई कर्मचारी पद पर भर्ती इच्छुक लोगों से यह कहती थी की नौकरी चाहिए तो आधी रकम एडवांस देनी होगी.क्योंकि डीएलबी से लेकर नगर निगम के अफसर को हिस्सा देना पड़ता है.
बाकी की राशि नौकरी के आर्डर आ जाने के बाद देनी होगी ऐसी बात पर एसीबी भी आशा के पीछे लगी थी.एसीबी के पास इनपुट था कि बुधवार को वह अपने बेटे व दलाल के साथ बलूंदा में पारिवादी से पैसे लेने वाली है
इसके बाद एक टीम अजमेर दूसरी टीम पाली को भेजा गया एसीपी को पता चला है कि आरोपी ने जयपुर से लेकर जोधपुर निगम नगर निगम एवं अन्य जिलों की नगर पालिका में भी रिश्वत लेकर सफाई कर्मचारी के पद पर भर्ती के लिए जाल बिछा रखा थाजांच में सामने आया कि जोधपुर के क्षेत्र निवासी आशा कंडारा का 5 साल पहले जयपुर नगर निगम हेरिटेज में सफाई कर्मी के पद पर तबादला हुआ था.
आशा अपने बेटे ऋषभ के साथ जयपुर में शिफ्ट हो गई जो कोटा हाल जयपुर के जवाई सर्किल क्षेत्र में योगेंद्र की होटल में काम करता था.इससे सफाई कर्मी की जान पहचान योगेंद्र से हुई जिसका घर आना-जाना था .एडीजी एसीबी डॉ रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि आशा बाकी लोगों को सफाई कर्मचारी के पद पर भर्ती करवाने का नाम पर रुपए इकट्ठे कर रही थी.
इस काम में अपने पुत्र एंव दलाल को हमेशा साथ रखती थी
बता दे की ये वही आशा कंडारा का सफाई कर्मचारी रहते आरएएस में सलेक्शन हुआ और देश भर में वाह वाही बंटोरी थी लेकिन एसडीएम पद नही मिलने से ज्वाइन नही किया,लेकिन आज रिश्वत मामले की जेल में गई.